- अटल सरकार में मंत्री रह चुके सिन्हा हैं विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार
- शिवपाल बोले- यशवंत को समर्थन देने के सपा के फैसले के खिलाफ मेरी असहमति
- नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं- PSP चीफ यादव
Presidential Elections 2022: राष्ट्रपति चुनाव 2022 को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत में चाचा शिवपाल यादव और उनके भतीजे अखिलेश यादव फिर से आमने सामने आ गए हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा के प्रमुख शिवपाल ने पश्चिम बंगाल की मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सीनियर नेता (सिन्हा) को समर्थन देने को लेकर सवाल दागे हैं।
उन्होंने इस बाबत शनिवार (16 जुलाई, 2022) को एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा, "सपा के वर्तमान नेतृत्व ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है, जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा और ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को 'आईएसआई'का एजेंट बताया था। पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के विरुद्ध मेरी घोर असहमति है। अपने नेता के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं।"
प्रसपा चीफ ने इस ट्वीट में 'मुलायम इज़ एन आईएसआई एजेंट' शीर्षक वाली उस खबर का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जो कि सिन्हा और मुलायम से जुड़ी थी, जबकि भतीजे के नाम लिखा अपना पत्र भी संलग्न किया। इस चिट्ठी के जरिए उन्होंने कहा है कि अजीब विडंबना है कि सपा ने ऐसे व्यक्ति को सपोर्ट दिया है, जिसने कभी हम सभी के अभिभावक और प्रेरणास्त्रोत नेता जी (मुलायम सिंह यादव) को उनके रक्षा मंत्रित्व काल में पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई का एजेंट बताया था। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
चाचा ने आगे कहा- जो सपाई कभी अपने नेता के अपमान पर आगबबूला हो जाते थे, आज उसी विरासत के लोग उन्हें अपमानित करने वाले इंसान का समर्थन कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी मजाक का पात्र बनकर रह गई है।