नई दिल्ली : प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजयराघवन ने कहा है कि इस महीने के अंत में देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने की संभावना है। एक साक्षात्कार में प्रोफेसर ने गुरुवार को कहा कि कोविड-19 का ऐसा कोई वैरिएंट नहीं है जिस पर वैक्सीन काम नहीं कर रही हो। साथ ही इस वायरस के तेजी से फैसले के एक नहीं कई कारण हैं। इसी वजह से संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल देखा गया है।
गुरुवार को बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड मामले आए
देश में गुरुवार को बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 3,14,835 नए मामले आए। यह महामारी के शूरू होने के बाद दुनिया में संक्रमण के एक दिन का सर्वाधिक आंकड़ा है। वहीं, बीते 24 घंटे में महामारी से 2,104 लोगों की जान गई। प्रोफेसर ने कहा, 'देश में बड़ी संख्या में संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं जो कि चिंता का विषय है। इस महामारी की चरम अवस्था और उसके कमरोज पड़ने की अवधि को अगर ध्यान में रखें तो इसमें 12 सप्ताह का वक्त लगता है। इस अवधि को राज्यों एवं जिलों से जोड़कर देखना होगा। कुल मिलाकर इस लहर के कमजोर होने में थोड़ा वक्त लगेगा। अगले महीने की शुरुआत और इस महीने के अंत से हमें संक्रमण के आंकड़ों में कमी देखने को मिल सकती है।'
'हमें क्या करना चाहिए, इस पर फोकस होना चाहिए'
उन्होंने आगे कहा, 'देश में मिले कोरोना के नए वैरिएंट्स को देखते हुए हमें स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उपाय करने की जरूरत है।हमें सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना है। स्ट्रेन का विश्लेषण करते हुए हमें बड़े पैमाने पर टीकाकरण करना चाहिए। हमारा फोकस क्या होगा से ज्यादा हमें अभी क्या करना चाहिए, इस पर होना चाहिए।'
1 मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका
देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाने के लिए सरकार ने अपने टीकाकरण अभियान में बदलाव किया है। अब एक मई से 18 साल से ऊपर के व्यक्तियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में पाया गया है कि इस महामारी की चपेट में युवा वर्ग ज्यादा आ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि राजधानी में 65 प्रतिशत संक्रमण के मामले युवाओं से जुड़े हैं। 18 साल से ऊपर की आबादी कामकाज के लिए घरों से ज्यादा निकलती है, इसलिए इनके संक्रमण के दायरे में आने का खतरा ज्यादा है। 18 साल से ऊपर के व्यक्तियों के लिए सरकारी पोर्टल को-विन पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 28 अप्रैल से शुरू होगी।
ऑक्सीजन किल्लत दूर करने के लिए सरकार ने उठाए कदम
देश के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने कदम उठाए हैं। केंद्र ने राज्यों का ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है। ऑक्सीजन कम समय में राज्यों तक पहुंचाने के लिए वायु सेना और रेलवे की सेवाएं ली जा रही हैं। दिल्ली, हरियाणा और लखनऊ के कई अस्पतालों में गुरुवार को मेडिकल ऑक्सीजन की कमी सामने आई। आने वाले दिनों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए देश के संयंत्र पूरी क्षमता से ऑक्सीजन का उत्पादन करने में जुटे हैं।