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Corona Third Wave:कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी, सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की चेतावनी,रहना होगा तैयार

Updated May 06, 2021 | 07:01 IST

Corona Third wave Warning: केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि हमें इसके लिए तैयार रहना होगा।

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के विजय राघवन ने कहा कि Covid​​-19 संक्रमण की एक तीसरी लहर अपरिहार्य है
मुख्य बातें
  • केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दी है
  • उन्होंने कहा यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरा फेज किस समय होगा 
  • सभी से नई लहरों के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है

नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर खबर सामने आ रही है, केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (Principal Scientific Advisor) के विजय राघवन ने चेतावनी दी है उनका कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) आनी है हालांकि ये कब आएगी इसको लेकर उन्होंने साफ नहीं किया है। राघवन ने कहा कि कोरोना वायरस की तीसरी तरह ‘अपरिहार्य’ है, हालांकि इसकी समय सीमा का पूर्वानुमान नही जताया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में अधिकारियों ने कहा कि देश इस ‘तीव्रता’ की जिस लंबी कोविड लहर का का सामना कर रहा है, उसका पूर्वानुमान नहीं जताया गया था।

केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी।
उन्होंने कहा-“ हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत में लोगों को जो टीके लगाए जा रहे हैं वे कोरोनावायरस के मौजूदा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। उन्होंने कहा, "पूरे विश्व में और भारत में भी नए वेरिएंट पैदा होंगे, लेकिन ट्रांसमिशन बढ़ाने वाले वैरिएंट्स की संभावना कम होगी। इम्यून इवेसेक्टिव वेरिएंट और जो कम या रोग की गंभीरता को बढ़ाते हैं, वे आगे बढ़ेंगे।"

"कोविड-19 वैक्सीन की नियमित निगरानी की आवश्यकता"

उन्होंने यह भी कहा कि नए स्ट्रेन से निपटने के लिए अपग्रेडेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन की नियमित निगरानी की आवश्यकता है। वैज्ञानिक सलाहकार ने यह भी कहा कि वायरस के स्ट्रेन पहले स्ट्रेन की तरह फैल रहे हैं। इनमें नई तरह के संक्रमण का गुण नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वेरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन प्रभावी हैं। देश और दुनिया में नए वेरिएंट्स आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक लहर के खत्म होने के बाद सावधानी में कमी आने से वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है।

"यह एक गहन शोध कार्यक्रम है, जो भारत और विदेशों में हो रहा है"

राघवन ने यह भी कहा कि भारत और दुनिया भर के वैज्ञानिक नए वेरिएंट्स का पूर्वानुमान लगाने और जल्दी चेतावनी और तेजी से संशोधित टूल विकसित करके उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा-"यह एक गहन शोध कार्यक्रम है, जो भारत और विदेशों में हो रहा है।" उन्होंने आगे  बताया कि "वेरिएंट को मूल तनाव के समान प्रसारित किया जाता है। इसमें नए प्रकार के ट्रांसमिशन के गुण नहीं होते हैं। यह मनुष्यों को इस तरीके से संक्रमित करता है कि यह प्रवेश करने के रूप में इसे और अधिक पारगम्य बनाता है, यह अधिक प्रतियां बनाता है और मूल के समान ही चलता है।"

कर्नाटक, बंगाल में COVID-19 मामलों में दिखी बढ़ती प्रवृत्ति

इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार उन राज्यों में से हैं जो डेली COVID-19 मामलों में बढ़ती प्रवृत्ति दिखा रहे हैं।अग्रवाल ने यह भी कहा कि कुछ राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा सहित दैनिक COVID-19 मौतों में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि '12 राज्यों में 1 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं, 7 राज्यों में 50,000 से 1 लाख सक्रिय मामले हैं, और 17 राज्यों में 50,000 से कम सक्रिय मामले हैं। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में लगभग 1.5 लाख सक्रिय मामले हैं। '

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