लखनऊ: यूपी में निकाय चुनाव को लेकर जातियों की सियासत तेज हो गई है। प्रदेश की अति पिछड़ी 17 जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने के लिए योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ संजय कुमार निषाद ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर निषाद पार्टी और समाज कल्याण मंत्रालय उत्तर प्रदेश, एक ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को भेजेंगे।
यूपी सरकार के मंत्री डा. संजय निषाद ने बुधवार को अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मझवार जाति समूह की 17 उपजातियों को पिछड़ा वर्ग से निकालकर अनुसूचित में शामिल कराने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण से विस्तार से चर्चा हो चुकी है। असीम अरुण ने आश्वस्त किया है कि निषाद पार्टी के साथ सभी तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कर एक सप्ताह के अंदर समाज कल्याण विभाग इन उपजातियों को परिभाषित करने का प्रस्ताव तैयार कर लेगा।
सीएम के निदेर्शानुसार पर समाज कल्याण मंत्री से कल विस्तृत चर्चा हुई और एक सप्ताह के अंदर निषाद पार्टी और समाज कल्याण मंत्रालय उत्तर प्रदेश, एक ड्राफ्ट तैयार कर राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को भेजेंगे।
संजय निषाद ने बताया कि वह प्रस्ताव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा जाएगा। आवश्यकता हुई तो प्रस्ताव को कैबिनेट में स्वीकृति दिलाकर केंद्र सरकार को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व की सपा-बसपा सरकारों ने उपजातियों को अनुसूचित संविधान आदेश 1950 के अनुसार परिभाषित कराने की बजाए इन्हें अलग से अनुसूचित जाति में शामिल करने पर जोर दिया, जो कि राज्य सरकार के पास अधिकार ही नहीं है।
कहा कि संविधान के मुताबिक हमें एससी की सूची में शामिल किया जाए फिर सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू की जाए। राज्य सरकार के पास अधिकार ही नहीं है कि वह किसी भी ओबीसी जाति को एससी की सूची में डाल सके। इसके बाद भी मुलायम सिंह की सरकार ने 2005 और अखिलेश की सरकार ने 2016 में आरक्षण की अधिसूचना जारी की थी। कहा कि अब समाजवादी पार्टी को जवाब देना है कि भोले भाले निषाद समाज को क्यों बरगलाते रहे?
कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) डॉ संजय कुमार निषाद ने बुधवार को अपने सरकारी आवास 01 विक्रमादित्य मार्ग पर प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि बीते कई दिनों से 17 जातियों के आरक्षण के मुद्दे पर कई प्रकार की भ्रंतिया सोशल मीडिया और विपक्षियों द्वारा फैलाई जा रही थी। पहले तो मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि निषाद, केवट, मल्लाह, बिंद, कहार, कश्यप, धीमर, रैकवार, तुरैहा, बाथम, भर, राजभर, धीवर, प्रजापति, कुम्हार, मांझी, मछुआ 17 जातियों का है, क्योंकि कई दिनों से 18 जातियों की भ्रांतियां फैलाई जा रही है।