- कृषि कानून के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पेश, अध्यादेश के जरिए एमएसपी शामिल करने की मांग
- कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इन कानूनों से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान होंगे प्रभावित
- कृषि कानून पर जिस अंदाज में विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं उसका कोई औचित्य नहीं- अमरिंदर सिंह
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के मद्देनजर तीन कानून बनाए और उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन कांग्रेस को वो कानून रास नहीं आ रहा है, सोनिया गांधी ने तो बाकायदा कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम से कहा कि वो कानून में फेरबदल करें। सोनिया गांधी के निर्देशों के पालन करने के क्रम में पंजाब विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश कर दिया गया है और पंजाब इस तरह का प्रस्ताव पेश करने वाला पहला राज्य बना है।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया.इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों की आलोचना की गई है।
केंद्र का कानून निश्चित तौर पर किसानों के खिलाफ
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के अलावा इलेक्ट्रिसिटी बिल में भी जो बदलाव किए गए हैं, वो भी किसान और मजदूरों के खिलाफ हैं। इससे सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा और वेस्ट यूपी पर भी असर पड़ेगा। प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद उन्होंने रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों से अपील की है कि अब धरना खत्म कर दें और काम पर लौटें। सरकार इन कानूनों के खिलाफ हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
विपक्षी दलों के विरोध के तरीके पर अमरिंदर सिंह को ऐतराज
पंजाब सरकार के प्रस्ताव में केंद्र सरकार से अपील की गई है कि ताजा अध्यादेश लाया जाए जिसमें MSP को शामिल की जाए। इसके अलावा सरकारी एजेंसियों की प्रक्रिया को मजबूत किया जाए। अमरिंदर सिंह ने आम आदमी पार्टी के विधायकों पर भी तंज कसा और कहा कि कुछ लोग विधानसभा में रात गुजार रहे हैं, कोई ट्रैक्टर पर आ रहा है लेकिन इस तरह के विरोध के तरीकों से ऐसे में इन मुद्दों से कुछ नहीं होगा।