- दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन सोमवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया
- अपनी मांगों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं धरना पर बैठे किसान
- सरकार ने बातचीत के लिए बुलाया, विज्ञान भवन में आज होगी वार्ता
नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर जमे हरियाणा एवं पंजाब के किसानों का केंद्र सरकार के साथ बात बनती नजर नहीं आ रही है। सोमवार को भी किसानों का प्रदर्शन जारी रहा। किसानों का कहना है कि वह इस बार 'निर्णायक लड़ाई' लड़ने के लिए दिल्ली आए हैं और मांगें पूरी होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों के प्रतिनिधियों में से एक ने कहा कि पीएम मोदी को उनकी 'मन की बात' सुननी चाहिए। शिरोमणि अकाली दल के बाद एनडीए के एक और घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने भी नए कृषि कानूनों पर अपनी नाखुशी जाहिर की है। आरएलपी का कहना है कि वह किसानों के मुद्दों पर गठबंधन में शामिल रहने पर दोबारा विचार करेगी।
सरकार बातचीत के लिए तैयार
किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जब कृषि कानूनों को लाया गया उस समय किसानों के बीच गलत बातें फैलाई गईं। हमने 14 अक्टूबर और 13 नवंबर को किसान नेताओं के साथ दो दौर की वार्ता की। हमने उनसे प्रदर्शन न करने की अपील की थी। हमने कहा था कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर की तारीख तय हुई थी लेकिन सर्दी और कोरोना के खतरे को देखते हुए किसान नेताओं को बातचीत के लिए एक दिसंबर को तीन बजे विज्ञान भवन में बुलाया गया है।
दिल्ली पुलिस ने कड़ी की सुरक्षा व्यवस्था
किसानों के दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी है। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने राजधानी के सभी बॉर्डर पर अपनी तैनाती बढ़ा दी। बीते कुछ दिनों से हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश कर रहे हैं। टिकरी, सिंधू और गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने बुराड़ी के मैदान में जाने की केंद्र सरकार की मांग ठुकरा दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि किसानों के बुराड़ी मैदान पहुंचने पर ही उनके साथ बातचीत शुरू करेगी। इस बीच, दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने टिकरी सीमा पर जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
किसानों को मिल रहा समर्थन
दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरना दे रहे किसानों के समर्थन में पंजाब के गायक भी उतर आए हैं। सिंधू मूसेवाला एवं बब्बू मान ने किसानों को अपना समर्थन दिया है। इन गायकों के अलावा कंवर ग्रेवाल और हर्फ चीमा ने भी किसानों का समर्थन किया है। मूसेवाला का कहना है कि सरकार को किसानों की चिंताओं को अवश्य दूर करना चाहिए।
दिल्ली की मंडियां प्रभावित हुईं
किसानों के प्रदर्शन के चलते राजधानी दिल्ली में खाद्य सामग्रियों की आपूर्ति पर असर पड़ने लगा है। आजादपुर मंडी में सब्जियों की आवक कम होने से इनके दाम बढ़ने लगे हैं। मौसमी सब्जियों की कीमत 50 से 100 रुपए ज्यादा हो गई है। सीमा पर जारी प्रदर्शन की वजह से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से आने वाले ट्रक मंडियों तक पहुंच नहीं पा रहे हैं। सीमा बंद होने की वजह से आजादपुर मंडी में होलसेल मार्केट सब्जियों एवं फलों की आवक आधी हो गई है।
दिल्ली में यातायात भी हुआ प्रभावित
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सिंघू और टीकरी बॉर्डर बंद किया हुआ है और अन्य स्थानों पर भी जांच बढ़ा दी है। इसके चलते राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारों की वजह से सोमवार को जाम लगा रहा। सिंघू और टीकरी बॉर्डर बंद है, क्योंकि किसानों ने इन कानूनों पर चर्चा करने के लिये केंद्र सरकार की ओर से रखी गई शर्त को मानने से मना कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया, ‘सिंघू बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है। कृपया दूसरे मार्ग से जाएं। मुकरबा चौक और जीटीके रोड पर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया गया है। भयंकर जाम लगा है। कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और रोहिणी से सिग्नेचर ब्रिज, जीटीके रोड, एनएच-44 और सिंघू बॉर्डर के लिये बाहरी रिंग रोड पर जाने से बचें।’