- कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पब्लिक प्रॉपर्टी का नुकसान उपद्रवियों की संपत्ति से वसूलेंगे।
- राज्यभर में 5,312 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया गया। 15,344 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई।
लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राज्य में हुई हिंसा पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुईं हिंसा की घटनाओं के संबंध में पुलिस ने 164 मामले दर्ज किए गए है और 879 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 5,312 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन में लिया गया।
इसके अलावा यूपी पुलिस ने जानकारी दी कि हिंसा के दौरान 288 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं, जिनमें 61 वो शामिल हैं, जिन्हें बुलेट इंजरी आई है।
वहीं उन लोगों पर भी कार्रवाई की गई, जिन्होंने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट डाले। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक/भ्रामक पोस्ट करने के मामले में राज्य भर में 76 मामले दर्ज किए गए और 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 15,344 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई।'
हिंसक प्रदर्शनकारियों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा था कि गुमराह करके लोगों को हिंसा के लिए प्रेरित करना देशद्रोही कृत्य है। उपद्रवियों को चिन्हित कर लिया गया है। उपद्रवियों ने पब्लिक प्रॉपर्टी को जो भी नुकसान पहुंचाया है, हम उसकी वसूली उन उपद्रवियों की संपत्ति नीलाम करके करेंगे।
वहीं लोनी में पुलिस ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके फोटो चौराहों पर लगाए हैं। 150 प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें लोनी की मुख्य सड़कों पर प्रदर्शित की गई हैं। वीडियो साक्ष्य के आधार पर इन आरोपियों की पहचान की गई है।