- तीन बेटों और पत्नी के नाम पर खरीदी थी संपत्ति
- रंगे हाथ पकड़ने के बाद जेल भेजा गया इस्लाम
- पैन कार्ड की डिटेल जानने के लिए आधार कार्ड का किया गया इस्तेमाल
यूपी के बरेली जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल इस्लाम खान नाम का एक शख्स जो पंचर बनाता था, उसके पास करीब 7.15 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली है. उसने ये संपत्ति कथित तौर पर नशीले पदार्थों की तस्करी करके जोड़ी है। पुलिस ने कहा कि इस्लाम के पड़ोसी उसे 'पंचरवाला' भी कहते हैं और उसने अपने तीन बेटों और पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी थी। वहीं जिला प्रशासन और पुलिस ने इस्लाम की सभी संपत्तियों को जब्त कर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
अपनी कमाई का जरिया नहीं बता पाया पंचरवाला
इसके अलावा उसके नाम पर एक बाइक शोरूम था, जिसे हाल ही में स्थानीय अधिकारियों ने ढहाया है। पुलिस की जांच में इस्लाम खान नाम का पंचरवाला अपनी कमाई का जरिया नहीं बता पाया। एएसपी राजकुमार अग्रवाल ने रविवार को कहा कि हमने नशीली दवाओं की तस्करी में सीधे तौर पर शामिल होने का पता लगाने के बाद इस्लाम की गतिविधियों की निगरानी शुरू की। वो एक छोटे से पंचर बनाने की दुकान पर काम करता है, लेकिन नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में रंगे हाथ पकड़ने के बाद अब उसे जेल भेज दिया गया है।
हाइवे पर एक बहुमंजिला इमारत के साथ खोला था बाइक का शोरूम
एएसपी ने आगे कहा कि हमने उसके पैन कार्ड की डिटेल जानने के लिए उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। जांच में हमें जो पता चला वह काफी दिलचस्प था, क्योंकि इस्लाम और उसके परिवार के आयकर रिटर्न में एक बड़ी रकम दिखाई गई है, जो हाल ही में आई है। उन्होंने आगे बताया कि उसने हाइवे पर एक बहुमंजिला इमारत बनाई थी और एक बाइक का शोरूम भी खोला था।
संयोग से बरेली पुलिस ने साल 2021 में कुख्यात तैमूर खान और शाहिद खान गिरोह के सदस्यों को पकड़ा था और लगभग 60 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। हालांकि कार्रवाई के बावजूद बरेली और उसके आसपास के इलाकों में नशीले पदार्थों की तस्करी बेरोकटोक जारी रही। जांच के बाद पुलिस ने तैमूर और शाहिद के दूर के रिश्तेदार इस्लाम को स्थानीय ड्रग कार्टेल का मुख्य सदस्य पाया। अब हम एक वांटेड तस्कर शान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जो दिल्ली में छिपा है। हमने उनके पूरे नेटवर्क का लगभग भंडाफोड़ कर दिया है, जो झारखंड और उत्तर प्रदेश के बरेली के रास्ते मणिपुर से दिल्ली, उत्तराखंड और पंजाब में ड्रग्स की तस्करी में सक्रिय था।