चंडीगढ़ : देश में कोरोना वैक्सीन पर काम आगे बढ़ने की कई रिपोर्ट्स आ रही हैं। दवा कंपनियों का कहना है कि उम्मीद है वैक्सीन जल्द उपलब्ध हो जाएगी। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई और राजनीतिक दलों को वैक्सीन के वितरण और इससे जुड़ी तैयारियों के बारे में जानकारी दी। वैक्सीन कितने लोगों को मिल पाएगी, इस बारे में कुछ भी फिलहाल स्पष्ट नहीं है। लेकिन इसमें प्राथमिकता को लेकर कई राज्यों की तरफ से केंद्र सरकार तक मांग पहुंचने लगी है।
छत्तीसगढ़ के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि कोविड-19 वैक्सीन के वितरण में उनके राज्य को प्राथमिकता दी जाए। सीएम अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पंजाब में उम्रदराज आबादी और पहले से कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण कोविड-19 से संक्रमित होने की वजह से मृत्यु दर अधिक होने का हवाला देते हुए वैक्सीन के वितरण में अपने राज्य को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया है।
टीकाकरण को लेकर सीएम के सवाल
पंजाब के सीएम ने केंद्र सरकार से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि वैक्सीन के मूल्य सहित टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया का खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा या नहीं। इसके अतिरिक्त उन्होंने इसकी पहचान सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया कि किन समूहों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन लगाया जाएगा।
सीएम ने कहा कि सुरक्षा बलों, निकाय कर्मचारियों और कुछ मामलों में स्कूल टीचर्स सहित फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाए जाने की बात है। लेकिन इसका दायरा बढ़ाकर इसमें प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य आवश्यक कार्यों से जुड़े लोगों को भी शामिल करने की जरूरत है।
यहां उल्लेखनीय है कि पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1.55 लाख से अधिक हो गए हैं, जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हजार के करीब पहुंच गई है। राज्य में अभी कोविड-19 के 7,727 से अधिक मरीज उपचाराधीन हैं, जबकि 1.42 लाख से अधिक मरीज ठीक हुए हैं।