- पंजाब में अभी तक नहीं होगा सका है चन्नी कैबिनेट का गठन
- पिछले तीन दिनों में दो बार राहुल गांधी संग लंबी बैठक कर चुके हैं सीएम चन्नी
- नई कैबिनेट में कैप्टन सरकार के कई मंत्रियों को दिखाया जा सकता है बाहर का रास्ता
नई दिल्ली: पंजाब की कमान संभालने वाले चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के सामने सबसे बड़ी चुनौती नए मंत्रिमंडल को लेकर आ रही है और इसके लिए वह लगातार राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात कर रहे हैं। नए कैबिनेट गठन को लेकर शुक्रवार देर रात तक दोनों नेताओं के बीच गहन मंथन हुआ। कहा जा रहा है कि चरणजीत सिंह की कैबिनेट में अमरिंदर सरकार के कई मंत्रियों का पत्ता साफ होना लगभग तय है।
इन चेहरों को मिलेगी जगह
चन्नी गुरुवाम शाम दिल्ली पहुंचे थे जहां उन्होंने अपनी मंत्रिपरिषद के गठन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ चर्चा की थी और शुक्रवार रात को भी इस पर चर्चा हुई। पीटीआई के मुताबिक, इस बार राज्य मंत्रिपरिषद में कुछ नये चेहरे दिखने की संभावना है। चन्नी कैबिनेट में नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी परगट सिंह, वरिष्ठ नेता राज कुमार वेरका, गुरकीरत सिंह कोटली, संगत सिंह गिलजियान, सुरजीत धीमान, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और कुलजीत सिंह नागरा के नामों की चर्चा चल रही है।
जाखड़ को मिलेगी अहम जिम्मेदारी
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है। खबरों की मानें तो जाखड़ को कोई अहम पद दिया जा सकता है। दरअसल, वह मुख्यमंत्री के तौर पर अमरिंदर सिंह की जगह लेने से चूक गये थे। जाखड़, कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता पद की दौड़ में आगे थे, लेकिन अंबिका सोनी के एक सुझाव के बाद सारे समीकरण बदल गए। अंबिका सोनी सहित पार्टी के नेताओं ने सुझाव दिया कि किसी सिख को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस ने चन्नी को चुना, जो अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से आते हैं।
कैप्टन के सिपाहसलार होंगे बाहर
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में उनके करीबी रहे राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी (खेल मंत्री) और साधु सिंह धर्मसोत(सामाजिक न्याय आधिकारिता मंत्री) को मंत्रिपरिषद से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इसके अलावा कुछ और चेहरों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।