पंजाब पुलिस के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने एक प्रेस ब्रीफिंग में लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के पीछे की साजिश का खुलासा किया है उन्होंने कहा कि लुधियाना विस्फोट नार्को संगठित अपराध है। मुझे गर्व है कि पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ अच्छा काम किया। 24 घंटे के अंदर हमने इसका पता लगा लिया। डीजीपी ने कहा कि हमें मृतक का सिम कार्ड, मोबाइल फोन, टैटू मिला है मैंने व्यक्तिगत रूप से मौके का दौरा किया।
पंजाब के लुधियाना में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ब्लास्ट (Ludhiana District Court Blast) केस में मारे गए व्यक्ति की पहचान हो गई है बताया जा रहा है कि वो पूर्व हेड कॉन्स्टेबल गगनदीप सिंह है, उसका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड भी खराब रहा है और वो एक ड्रग्स मामले में जेल भी जा चुका था।
डीजीपी ने कहा कि हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ ने मादक पदार्थ मामले में गगनदीप सिंह को गिरफ्तार किया था और इस मामले की सुनवाई चल रही थी। जेल में गगनदीप माफिया बन गया। खालिस्तानी एलिमेंट,आतंकी संगठन, ड्रग माफिया ये सभी एंगल इस विस्फोट के पीछे निकल कर सामने आ रहे हैं। डीजीपी ने कहा कि इसके पीछे नारकोटिक्स एंगल है,खालिस्तान लिंक भी इसके साथ है।
गगनदीप सिंह को ड्रग्स तस्करी के मामले में 2019 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था।डीजीपी बताया कि गगनदीप सिंह लुधियान के खन्ना का रहने वाला था।
'आरोपी गगनदीप सिंह कोर्ट के रेकॉर्ड रूम को विस्फोट से उड़ाना चाहता था'
डीजीपी ने बताया कि आरोपी गगनदीप सिंह कोर्ट के रेकॉर्ड रूम को विस्फोट से उड़ाना चाहता था उसकी प्लानिंग थी कि रेकॉर्ड रूम में ब्लास्ट के बाद सारे दस्तावेज नष्ट हो जाएंगे और उसके खिलाफ ड्रग्स तस्करी का कोई सबूत नहीं बचेगा।उसे ड्रग्स तस्करी के एक मामले में पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था वह कोर्ट में ब्लास्ट के लिए विस्फोटक लगा रहा था उसी दौरान यह ब्लास्ट हो गया।