- पुष्कर सिंह धामी लगातार दूसरी बार उत्तराखंड के सीएम बने हैं
- उनके साथ 8 कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है
- इस मौके पर PM मोदी सहित कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं
देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने के बाद आज (बुधवार, 23 मार्च) राज्य में नई सरकार का गठन हुआ है। पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है। राज्य में हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में उनकी अहम भूमिका समझी जा रही है और यही वजह है कि खुद खटीमा विधानसभा क्षेत्र से हार के बावजूद पार्टी अलाकमान ने उन्हें राज्य में सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया। उनके साथ आठ कैबिनेट मंत्रियों ने भी आज पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
उत्तराखंड के सीएम के तौर पर पुष्कर सिंह धामी का शपथ-ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित किया गया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री और अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने 46 वर्षीय धामी को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले बीजेपी नेतृत्व ने जुलाई 2021 में तीरथ सिंह रावत के इस्तीफा के बाद उन्हें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी। 45 वर्षीय धामी राज्य के सबसे कम उम्र के सीएम बने थे।
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3 नए चेहरों को मिली मंत्रिमंडल में जगह
पुष्कर सिंह धामी के साथ आज आठ कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली, जिनमें पांच पुराने चेहरे हैं तो तीन नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धनसिंह रावत, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य जहां बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार का भी हिस्सा रह चुके हैं, वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा और चंदन रामदास तीन नए चेहरे हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। सौरभ बहुगुणा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं।
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यहां गौर हो कि उत्तराखंड की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 14 फरवरी को हुआ था, जिसके नतीजों की घोषणा 10 मार्च को हुई थी। इसमें 47 सीटों पर जीत के साथ बीजेपी ने राज्य में लगातार दूसरी बार सत्तासीन होने का इतिहास रचा है। इस चुनाव में बीजेपी 'उत्तराखंड फिर मांगे, मोदी-धामी की सरकार' नारे के साथ उतरी थी। हालांकि चुनाव में बीजेपी की अगुवाई करने वाले धामी स्वयं अपनी परंपरागत सीट खटीमा से हार गए, लेकिन पार्टी बहुमत के साथ जनादेश हासिल करने में सफल रही और यही वजह है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर उन्हें सत्ता की बागडोर सौंपकर उनमें अपना भरोसा जताया है।