- पांच राफेल लड़ाकू विमानों नें अंबाला एयरबेस पर लैंड किया
- राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत को लेकर मोदी सरकार पर विपक्ष रही है हमलावर
- विपक्ष के सवालों पर एनडीए सरकार की तरफ से आई थी सफाई कीमतें यूपीए सरकार के दौरान किए गए सौदे से कम
नई दिल्ली। पांच राफेल विमान अब से कुछ देर बाद अंबाला एयरबेस पर लैंड करेंगे। राफेल से भारत की वायुशक्ति में और इजाफा होगा। राफेल को अचूक निशाना साधने में कारगर माना जाता है। इसके साथ ही यह बहुत तेज गति से दुश्मन के ठिकानों पर निशाना साध सकता है। एक तरफ पूरा देश राफेल के आने की खबर से उत्साहित तो कांग्रेस ने एक बार फिर कीमतों को लेकर निशाना साधा है। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने पूछा कि सरकार अब तो विमानों की कीमत बता दे।
बेसिक राफेल की कीमत करीब 90 मिलियन यूरो
आम तौर पर बिना साजो समान से लैस राफेल की कीमत करीब 90 मिलियन यूरो है अगर भारतीय रुपए में बदलें तो यह कीमत करीब 673 करोड़ है। लेकिन जब इसमें साजो सामान को भी जोड़ दिया जाता है तो इसकी कीमत 1600 करोड़ के करीब आती है। यहां यह ध्यान देने वाली बात है कि यह कीमत रुपए के बाजार भाव पर भी निर्भर है। अगर रुपए की कीमत गिरती है तो राफेल की कीमत बढ़ जाएगी।
राफेल की कीमत पर जमकर हुई थी सियासत
राफेल विमानों के सौदे को लेकर पिछले साल कांग्रेस की तरफ से लगातार सवाल उठाए जा रहे थे कि मोदी सरकार ने महंगा सौदा किया है। उस वक्त चुनावी माहौल था और एक से बढ़कर एक आरोप लगाए जा रहे थे। मामसा सुप्रीम कोर्ट में था। लेकिन अदालत ने सौदे को पाकसाफ करार दिया, बावजूद उसके कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से आरोप लगा गए और उस मामले को लेकर बीजेपी की तरफ से अवमानना का केस दायर किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाते हुए बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा।