- भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया , देश के नाम राहुल कां प्रेम 'फर्जी'
- राहुल गांधी ने चीन के साथ रुख को लेकर मोदी सरकार पर मढ़ा आरोप
- राहुल गांधी पर जेपी नड्डा ने लगाया देश को गुमराह करने का आरोप
कासरगोड़ (केरल) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बारे में कहा कि डोकलाम गतिरोध के दौरान उन्होंने 'चुपचाप' चीन के राजदूत से मुलाकात की। भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि देश के नाम राहुल कां प्रेम 'फर्जी' है। भाजपा नेता ने कहा कि राहुल गांधी ने इस मुलाकात के बारे में देश के लोगों को नहीं बताया। भाजपा नेता ने कांग्रेस, यूडीएफ और एलडीएफ कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल होने की अपील की।
केरल के कासरगोड़ में भाजपा के नवनिर्मित जिला कमेटी कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद नड्डा ने कहा, 'देश के लोग यह जानते हैं कि डोकलाम गतिरोध के दौरान राहुल गांधी चुपके से चीन के राजदूत के साथ मिले थे। इस मुलाकात के बारे में उन्होंने देश को नहीं बताया बल्कि लोगों को गुमराह किया। देश के लोगों को इस बात की जानकारी तब हुई जब चीन के राजदूत ने इस बैठक की तस्वीरें ऑनलाइन जारी कीं। आपका देश के प्रति प्रेम नकली है। आप रक्षा पर संसदीय समिति की 11 बैठकों में शामिल नहीं हुए। इसी तरह आप देश चलाने का सपना देखते हैं।' इस नवनिर्मित भवन का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मंदिरम रखा गया है।
राहुल गांधी ने साधा निशाना
इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंड और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा, 'यूडीएफ, एलडीएफ और कांग्रेस ने हमेशा देश को अंधेरे में रखा है। मैं कांग्रेस, यूडीएफ, एलडीएफ के कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल होने का न्योता देता हूं।' इसके पहले राहुल गांधी ने गलवान घाटी में चीन के अतिक्रमण को लेकर सरकार पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि 'मोदी जी के शासन काल में चीन ने यदि भारत माता की पवित्र भूमि ले भी गया तो क्या हो गया?'
15 जून को गलवान घाटी में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे
गत 15 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना के बाद पूर्वी लद्दाख एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ गया। दोनों देशों ने एलएसी के समीप अपने अग्रिम सैन्य मोर्चों पर सैनिकों की तादाद बढ़ा दी। हालांकि, गलवान घाटी में तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर बातचीत जारी रही। कई दफे की बातचीत के बाद चीन गलवान घाटी से पीछे हटने पर सहमत हुआ। चीनी सेना पैंगोग सो, हॉट स्प्रिंग, फिंगर 4 प्वाइंट से भी पीछे हटती नजर आई है।
गलवान घाटी में चीन के अतिक्रमण को लेकर राहुल गांधी मोदी सरकार पर लगातार हमला बोलते आए हैं। उन्होंने से कहा कि चीन ने यदि देश की जमीन हथियाई है तो सरकार को इसे मान लेना चाहिए। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि संघर्ष वाली जगह पर अपने सैनिकों को उसने निहत्थे क्यों भेजा? कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री को 'सरेंडर मोदी' भी कहा है।