नई दिल्ली: राहुल गांधी और गांधी परिवार के बेहद करीबी रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामने थाम लिया है। सिंधिया के कांग्रेस से अलग होने को लेकर कई तरह की खबरें हैं। कुछ बताते हैं कि वो अपनी अनदेखी से नाराज थे, कोई कहता है कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की कमान चाहते थे तो एक रिपोर्ट ये भी आई कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ने से पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलने की कोशिश की और समय मांगा, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
अब इस पर राहुल गांधी का जवाब आया है। उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस में एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो कभी भी मेरे घर में आ सकते हैं।
चार बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज कांग्रेस पार्टी के साथ 18 साल पुराने संबंधों को तोड़ने के एक दिन बाद भाजपा में शामिल हो गए। औपचारिक रूप से शामिल होने के बाद भाजपा ने घोषणा की कि सिंधिया मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
BJP में शामिल होते ही कांग्रेस पर बरसे सिंधिया
बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया ने कांग्रेस के लिए कहा कि वो अब पहले जैसी पार्टी नहीं रह गई है और वहां नई सोच, विचारधारा और नए नेतृत्व को मान्यता नहीं है। सिंधिया ने कहा, 'वहां (कांग्रेस) राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर अलग अलग विडंबना है । ऐसे में मैंने यह निर्णय (भाजपा में शामिल होने) किया। मध्य प्रदेश के लिए हमने एक सपना पिरोया था, जब वहां सरकार बनी। लेकिन 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए। चाहे वो किसानों के ऋण माफ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो। ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है।' उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान त्रस्त है, नौजवान परेशान है और रोजगार के अवसर नहीं है । मध्य प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चल रहा है, रेत माफिया चल रहा है।