- पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है।
- उन्होंने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है।
- उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति जरूरी है।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि आज जब देश अमृत काल में प्रवेश कर रहा है तो इस समय भ्रष्टाचार और परिवारवाद या भाई-भतीजावाद दो बड़ी प्रमुख चुनौतियां हैं। इस पर जब कांग्रेस के सीनियर नेता और सांसद राहुल गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि मैं इन बातों पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। सभी को स्वतंत्रता की शुभकामनाएं।
पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के ऊपर नीले रंग का जैकेट तथा तिरंगे की धारियों वाला सफेद रंग का साफा पहने पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं, अगले 25 वर्ष हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भ्रष्टाचार और परिवारवाद को दो बड़ी चुनौतियां और विकृतियां हैं। अगर समय रहते इनका समाधान नहीं किया गया तो यह विकराल रूप ले सकती हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तब यह दृश्य देखने को मिलते हैं कि एक तरफ वह लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दूसरी तरफ वह लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है। यह स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।
उन्होंने कहा कि जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूट करके भाग गए, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश जारी है। मोदी ने कहा कि कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा हुआ है। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े। वह स्थिति हम पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि वे अब बच नहीं पाएंगे। इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है। इसके खिलाफ लड़ाई तेज करनी है व इसे निर्णायक मोड़ पर लेकर जाना ही है।
उन्होंने इस लड़ाई में देशवासियों का सहयोग मांगा और कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के प्रति नफरत दिखती है और वह व्यक्त भी होती है लेकिन कभी-कभी भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता भी दिखाई जाती है जो शोभा नहीं देता है। उन्होंने कहा कि कई लोग तो इस हद तक चले जाते हैं कि अदालत में सजा हो चुकी हो। भ्रष्टाचार सिद्ध हो चुका हो। जेल जाना तय हो चुका हो। जेल गुजार रहे हों। इसके बावजूद उनका महिमामंडन करने में लगे रहते हैं, उनकी शान शौकत में लगे रहते हैं, उनकी प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं।
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मोदी ने कहा कि जब तक समाज में गंदगी के प्रति नफरत नहीं होती है, स्वच्छता के प्रति चेतना भी नहीं जागती है। उन्होंने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं किया जाता, तब तक यह मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है। इसलिए भ्रष्टाचार के प्रति भी और भ्रष्टाचारियों के प्रति भी हमें बहुत जागरूक होने की जरूरत है।
भाई-भतीजावाद और परिवारवाद के खिलाफ बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से राजनीति के क्षेत्र की इस बुराई ने हिंदुस्तान की हर संस्था में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। मोदी ने हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण के लिए परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति को अनिवार्य बताया।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए इसे चयन में पारदर्शिता लाने और भाई-भतीजावाद खत्म होने का असर बताया। उन्होंने कहा कि इसी का नतीजा है कि दुनिया के खेल के मैदानों में तिरंगा लहरा रहा है और राष्ट्रगान गाया जा रहा है।