- राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
- केंद्र सरकार की प्राथमिकता- सोशल मीडिया, झूठी इमेज
- जनता की प्राथमिकता- रिकॉर्ड तोड़ महँगाई, कोरोना वैक्सीन
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में केंद्र सरकार की तैयारियों की जमकर आलोचना हो रही है। विपक्ष की झोली में इस समय मुद्दों की कमी नहीं है। विपक्ष इस बात पर हमलावर है कि जिस समय देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना ने कोहराम मचाना शुरू कर दिया उस समय मोदी सरकार सिर्फ सिर्फ और अपने शान में कसीदे पढ़ रही थी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
राहुल गांधी का ट्वीट
केंद्र सरकार की प्राथमिकता- सोशल मीडिया, झूठी इमेज। जनता की प्राथमिकता- रिकॉर्ड तोड़ महँगाई, कोरोना वैक्सीन। ये कैसे अच्छे दिन! उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए बड़ी बड़ी बातें तो की जा सकती हैं। लेकिन सरकार में रहने के बाद फैसलों पर अमल भी करना पड़ता है। आज क्या हो रहा है कोरोना की वजह से आम लोग परेशान है, लेकिन सरकार अपनी राग गा रही है।
दावों और हकीकत में जमीन आसमान का अंतर
राहुल गांधी ने कहा कि अगर आप देश के अलग अलग राज्यों में वैक्सीनेशन को देखें तो क्या हो रहा है। लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर से वापस लौटना पड़ रहा है। केंद्र सरकार टीकाकरण के मुद्दे पर बड़ी बड़ी बात कर रही है। अभी 45 प्लस लोगों के लिए टीके की दिक्कत है लेकिन सरकार ने वाहवाही बटोरने के लिए 18 प्लस के लिए ऐलान कर दिया। अगर आप जमीनी हकीकत को देखें तो तो सच किसी से छिपी नहीं है। ये बात अलग है कि नीति आयोग की तरफ से विपक्ष के आरोपों का क्रमवार जवाब दिया गया है।
कांग्रेस के आरोप नीति आयोग का जवाब
केंद्र सरकार 2020 के मध्य से ही सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन निर्माताओं के साथ लगातार जुड़ी हुई है। फाइजर, जम्मू-कश्मीर और मॉडर्न के साथ कई दौर की चर्चा हो चुकी है। सरकार ने उन्हें भारत में उनके टीकों की आपूर्ति और/या निर्माण करने के लिए सभी सहायता की पेशकश की। हालांकि, ऐसा नहीं है कि उनके टीके मुफ्त में उपलब्ध हैं। हमें यह समझने की जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टीके खरीदना 'ऑफ द शेल्फ' आइटम खरीदने के समान नहीं है।
विश्व स्तर पर टीके सीमित आपूर्ति में हैं, और सीमित स्टॉक आवंटित करने में कंपनियों की अपनी प्राथमिकताएं, गेम-प्लान और मजबूरियां हैं। वे अपने मूल के देशों को भी तरजीह देते हैं जैसे हमारे अपने वैक्सीन निर्माताओं ने हमारे लिए बिना किसी हिचकिचाहट के किया है। फाइजर ने जैसे ही वैक्सीन की उपलब्धता का संकेत दिया, केंद्र सरकार और कंपनी वैक्सीन के जल्द से जल्द आयात के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारत सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप, स्पुतनिक वैक्सीन परीक्षणों में तेजी आई और समय पर अनुमोदन के साथ, रूस ने हमारी कंपनियों को टीके और निपुण तकनीक-हस्तांतरण के दो किश्त पहले ही भेज दिए हैं जो बहुत जल्द निर्माण शुरू कर देंगे।