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दिल्ली में 3 दिनों तक चलेगा अहम मुद्दों पर मंथन, रायसीना डायलॉग 2020 की हुई शुरुआत 

Updated Jan 14, 2020 | 18:39 IST

Raisina Dialogue 2020 : कूटनीति का महाकुंभ कहे जाने वाले रायसीना डायलॉग 2020 की मंगलवार को शुरुआत हो गई। यह समारोह तीन दिनों तक चलेगा जिसमें देश-दुनिया के विशेषज्ञ शामिल होंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
रायसीना डायलॉग 2020।
मुख्य बातें
  • समारोह में वैश्विक मुद्दों पर होगी चर्चा, 12 देशों के विदेश मंत्री हो रहे शामिल
  • 100 देशों के करीब 700 विशेषज्ञ भी हो रहे शामिल, अहम विषयों पर होगी गंभीर चर्चा
  • 12 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अलग से वार्ता करेंगे एस जयशंकर, गुरुवार को होगा कार्यक्रम का समापन

नई दिल्ली : दिल्ली में मंगलवार को रायसीना डायलॉग 2020 की शुरुआत हो गई। कूटनीति का महाकुंभ कहे जाने वाले इस समारोह में 12 देशों के विदेश मंत्री और 100 देशों के कम से कम 700 विशेषज्ञ एवं विद्वान शामिल हो रहे हैं। यह पहली बार है जब 2016 के बाद रायसीना डायलॉग में इतनी बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। मंगलवार शाम इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूद थे। इस कार्यक्रम का समापन गुरुवार को होगा।  

रायसीना डायलॉग में इस बार वैश्वीकरण, साल 2030 का एजेंडा, तकनीकी का महत्व, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद पर चर्चा की जाएगी। यह कार्यक्रम दुनिया में बढ़ते भारत के दबदबे और उसके कूटनीतिक कद को दर्शाता है। इस कार्यक्रम की खूबसूरती इस बात से भी समझी जा सकती है कि दुनिया के शीर्ष विद्वानों के मंच पर विपक्ष के नेता भी अपने विचार रखते नजर आएंगे। बताया गया है कि विषयों और यहां उपस्थित मेहमानों की संख्या को देखते हुए 80 सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

 
तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, विदेश सचिव विजय गोखले, विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टीएस त्रिमूर्ति और दुनिया भर के शीर्ष विशेषज्ञ विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखेंगे। समारोह से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात भी करेंगे। 

समारोह में 100 देशों के 700 विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा कार्यक्रम में 12 देशों-रूस, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका, एस्टोनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, हंगरी, लतविया, उज्बेकिस्तान और यूरोपीय संघ के विदेश मंत्री शामिल हो रहे हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर इन देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठकें करेंगे। 

बता दें कि इस कार्यक्रम में ईरान के विदेश मंत्री जावेद जारिफ भी शामिल हो रहे हैं। अमेरिका के साथ अपने टकराव को लेकर ईरान इन दिनों सुर्खियों में है। अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के कुद्स फोर्स के जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव युद्ध में तब्दील होने से बच गया। 

अमेरिकी कार्रवाई का बदला लेने के लिए ईरान ने ईराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमले किए लेकिन इसके बाद अमेरिका ने पलटवार नहीं किया। बहरहाल, दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण तनाव बना हुआ है। ऐसे में जारिफ का भारत दौरा काफी अहम है। वह इस कार्यक्रम में अमेरिका के बारे में अपनी राय रख सकते हैं। 

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