- राज ठाकरे अब केवल मराठी राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। बल्कि वह हिंदुत्व की राजनीति को ओर बढ़ रहे हैं।
- भाजपा से भी राज ठाकरे की नजदीकियां बढ़ रही हैं।
- शिवसेना का विकल्प बनना चाहती है महाराष्ट्र नव निर्माण सेना।
Raj Thackeray: हिंदुत्ववादी छवि बनाने की कोशिश में लगे महाराष्ट्र नव निर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे अब अयोध्या जाने की तैयारी में हैं। इसके लिए उनकी पार्टी मनसे ने मुंबई में बकायादा पोस्टर लगा अयोध्या चलने की लोगों से अपील की है। राज ठाकरे का 5 जून को अयोध्या जाने का प्लान है। अयोध्या जाने के लिए लगे पोस्टर में लिखा है कि 'जय श्रीराम मैं धर्मांध नहीं, मैं धर्म अभिमानी हूं' । जाहिर है इस संदेश के जरिए ठाकरे लोगों को यह बताना चाहते हैं कि वह धर्म के नाम कट्टर अंधभक्त नही हैं बल्कि धर्म पर वह अभिमान करते हैं। ठाकरे का तेवर हिंदुत्व की दिशा में उनका एक और कदम है। जिसके जरिए वह अपनी राजनीतिक जमीन को नए सिरे तलाश रहे हैं।
लाउडस्पीकर धार्मिक नहीं सामाजिक मामला
इसके पहले राज ठाकरे रविवार को कहा कि लाउडस्पीकर का मामला धार्मिक नहीं सामाजिक है। ठाकरे ने 3 मई यानी ईंद और अक्षय तृतीया के दिन चेतावनी दी है कि 3 मई तक मस्जिदों से लाउड स्पीकर को नहीं हटाया गया तो उनकी पार्टी और कार्यकर्ता 4 मई से मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ अजान से दोगुनी आवाज में किया जाएगा।
हिंदुत्ववादी छवि गढ़ रहे हैं ठाकरे
राज ठाकरे ने जिस तरह लाउडस्पीकर विवाद में अजान बनाम हनुमाल चालीसा का मुद्दा उठाया है। उससे साफ है कि राज ठाकरे अब केवल मराठी राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं। बल्कि वह हिंदुत्व की राजीति को ओर बढ़ रहे हैं। यह बात इस बात से साबित होती है, कि पहले उन्होंने अपनी पार्टी के झंडा का रंग भगवा किया। उसके बाद हनुमान चालीसा का मुद्दा उठाया और अब अयोध्या जाने की अपील कर रहे हैं। साफ है कि ठाकरे अब महाराष्ट्र की जगह लेना चाहते हैं, जिसने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर अपने तेवर नरम कर दिए हैं।
राज ठाकरे का बयान समाज को बांटने की कोशिश
इस बीच राज ठाकरे की औरंगाबाद रैली पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने निशाना साधते हुए कहा है कि औरंगाबाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के भाषण का उद्देश्य ‘‘समाज में फूट डालना’’ था। पाटिल ने कहा कि रविवार को औरंगाबाद में एक रैली में ठाकरे ने अपने भाषण में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार को निशाना बनाया। मनसे प्रमुख ने राकांपा प्रमुख पर महाराष्ट्र में जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया था और कहा था कि उन्हें 'हिंदू’’ शब्द से ‘एलर्जी’ है।
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