- राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर विवाद को लेकर दिए अपने बयान को फिर दोहराया
- राज ठाकरे ने कहा वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा है
- दिल्ली हिंसा पर बोले राज ठाकरे- सी चीजों का जवाब वैसे ही देना चाहिए उन लोगों को
मुंबई: मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को लेकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा दिए गए बयान को लेकर इन दिनों राजनीतिक बयानबाजी खूब हो रही है। इस महीने की शुरुआत में अपनी दो रैलियों में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने चेतावनी दी थी कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाया गया तो इन धार्मिक स्थलों के सामने जोर-जोर से हनुमान चालीसा का पाठ होगा। राज ठाकरे ने राज्य सरकार को तीन मई से पहले उनकी मांग पर कार्रवाई करने का ‘अल्टीमेटम’ भी दिया। भाजपा ने राज ठाकरे की मांग को लेकर उनका समर्थन किया है। राज के इस बयान को लेकर कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने उनकी खूब आलोचना की है। संजय राउत ने तो राज की तुलना ओवैसी से कर दी। टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए राज ने अपने पुराने बयान को फिर दोहराया है।
हम किसी प्रार्थना के खिलाफ नहीं
पीएफआई की 'छेड़ा तो, छोडेंगे नहीं' वाली धमकी को लेकर पूछे गए सवाल पर राज ठाकरे ने कहा, 'तो उसके बाद तो क्या हम ऐसे ही बैठे रहेंगे? हम भी तो नहीं छोड़ेंगे। और ये हमारे ऊपर ये सारी चीजें ना लाए तो ही बेहतर है। हम लोग शांति चाहते हैं। हम किसी की प्रार्थना को बंद नहीं करना चाहते हैं, ना ही उसके खिलाफ हैं। हम चाहते हैं मस्जिदों के ऊपर जो लाउडस्पीकर लगाए हैं देशभर में, जो गैर-कानूनी हैं उसे निकालें। जो मस्जिदों के जो मौलवी हैं या मुस्लिम हैं, अगर उन्हें लगता है कि उनका धर्म इस देश या कानून से बड़ा है तो वो तो है नहीं।'
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तीन मई की दी डेडलाइन
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा को लेकर पूछे गए सवाल पर राज ठाकरे ने कहा, 'मुझे लगता है कि ऐसी चीजों का जवाब वैसे ही देना चाहिए उन लोगों को। नहीं तो उन लोगों को समझ में नहीं आएगा। मेरा देशभर के देशभक्त हिंदुओं को यही कहना है कि 3 मई तक हम रूकें, उसके बाद जो मस्जिद से लाउडस्पीकर नहीं निकालता है तो उसके बाहर हनुमान चालीसा लगाएं। वो पांच अगर अजान की नमाज पढ़ेंगे तो हम पांच बार उसके बाहर हनुमान चालीसा पढ़ेंगे।'
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लाउडस्पीकर का मामला धार्मिक नहीं सामाजिक है
जब राज ठाकरे से पूछा गया कि गृह मंत्री कहते हैं कि लाउडस्पीकर लगाना गैर कानूनी नहीं है, बल्कि उसकी आवाज को लेकर कानून है, तो इसका जवाब देते हुए राज ठाकरे ने कहा, 'हम जब राजनैतिक रैली करते हैं तो हमें परमिशन लेनी पड़ती है ना। तो इनको रोज जो ये पांच बार प्रार्थना करते हैं, कौन इन्हें परमिशन देता है। अगर हमारा गणपति, या नवरात्रि का त्योहार होता है तो हमें परमिशन लेनी पड़ती है, लाउडस्पीकर की। ये कब परमिशन मांगते हैं। मुझे लगता है कि बहुत हो गया है ये सब। आज तक सब लोग बर्दाश्त करते हुए आए हैं। मुस्लिम समाज को भी समझ में आना चाहिए कि ये कोई धार्मिक इश्यू नहीं है बल्कि सामाजिक इश्यू है। इसमें मस्जिदों की ना कोई बात आती है और ना ही प्रार्थना की कोई बात नहीं आती है। बात है सिर्फ लाउडस्पीकर की और मुझे लगता है कि लाउडस्पीकर की कोई जरूरत नहीं है।'
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