- राजस्थान के डीजीपी ने कहा कि जुलूस निकालने का तरीका संदिग्ध था, बज रहे गाने आपत्तिजनक थे।
- उन्होंने कहा कि इस वजह से पथराव हुआ, निष्पक्ष जांच की जा रही है।
- उन्होंने कहा कि स्थति नियंत्रण में है।
करौली की घटना पर राजस्थान के डीजीपी मोहन लाल लाठेर ने कहा कि हिंसा को लेकर 10 एफआईआर दर्ज की गई। स्थति नियंत्रण में है आगे की जांच जारी है। करौली के अलावा सभी इलाकों में शांति है। हिंसा वाली जगह पर भड़काऊ नारे लगे थे। दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। कुछ लोगों ने हिंसा भड़काने वाले नारे लगाए थे, डीजे की अनुमति नहीं ली गई थी।
डीजीपी ने कहा कि करौली में नव संवत्सर के अवसर पर दो अप्रैल को निकाली जा रही बाइक रैली के क्रम में हुई घटना के संबंध में पुलिस द्वारा अब तक 23 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उपद्रव के संबंध में करौली के कोतवाली थानाधिकारी द्वारा एक व अन्य व्यक्तियों द्वारा नौ सहित कुल 10 प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। अब तक हुए अनुसंधान से पुलिस द्वारा 44 उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है। हालांकि कि नव संवत्सर के उपलक्ष्य में मोटरसाइकिल रैली पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते करौली में आगजनी व हिंसा की घटनाएं हुई थीं।
लाठर ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने रैली के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक पुलिस प्रबंध किये गये थे। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र में रैली में शामिल कुछ व्यक्तियों द्वारा उत्तेजनापूर्ण नारेबाजी की गई। इस दौरान बाइक रैली में शामिल लोगों एवं पुलिस अमले पर आस-पास के मकानों व दुकानों से भारी पथराव शुरू हो गया। साथ ही आस-पास के मकानों से करीब 100-150 व्यक्तियों ने लाठी और डंडा लेकर हमला कर दिया। इस हमले में 11 स्थानीय व्यक्तियों के साथ आठ पुलिसकर्मी घायल हो गये। उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम में हुई आगजनी व तोड़फोड़ से दोनों पक्षों के करीब 80 से अधिक व्यक्तिों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ है। इनकी क्षति का आकलन कर राज्य सरकार द्वारा मुआवजा देने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।