राजस्थान के किरौली में हुई हिंसा पर राज्यपाल कलराज मिश्र का बयान आया है। उन्होंने कहा कि किरौली हिंसा सुनियोजित थी, इसे रोका जा सकता था। सुनियोजित तरीके से हिंसा को अंजाम दिया गया। हालांकि राज्यपाल ने कहा कि पुलिस की कार्यशैली पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए। यह दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। जिस तरह से पथराव हुआ, मैं कह सकता हूं कि यह पूर्व नियोजित हो सकता है। इसकी जांच की जा रही है, सभी तथ्य सामने आएंगे। सरकार को सावधान रहना चाहिए और देखना चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो।
वहीं करौली हिंसा के आरोपी की तलाश में पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है। टीम में स्पेशल कमांडोज, जिला स्पेशल टीम शामिल है। पुलिस टीम ने अब से कुछ ही देर पहले मतलुब अहमद के घर तलाशी ली, जहां से जांच टीम को पत्थर, लाठी-डंडे बरामद हुए। स्पेशल कमांडोज, जिला स्पेशल टीम तलाश में जुटी है।
करौली हिंसा FIR में क्या?
- अचानक मस्जिद से पत्थरों की बारिश शुरू हो गई
- आस-पास के मकानों से अधाधुंध पथराव हुआ
- पथराव के बाद रैली में शामिल लोगों में भगदड़ मची
- साजिश के तहत किया गया जानलेवा हमला
मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड ने करौली हिंसा को सुनियोजित तरीके से हमला बताते हुए कहा कि जलूस मार्ग पर अचानक हमला होना निश्चित तौर पर पुलिस प्रशासन की विफलता है। राठौड ने करौली में नवसंवत्सर पर शनिवार को निकाली गई रैली से पूर्व सैकडों मन पत्थर पूर्व में एकत्रित किये जाते हैं, जुलूस मार्ग पर अचानक मकान की छतों से हमला होता है, हमले के लिये पहले से लाठी, तलवार, और डंडे एकत्रित किये जाते हैं और घटना के 45 मिनट बाद अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचता है यानी निश्चित तौर पर यह पुलिस प्रशासन की विफलता है।
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राठौड ने प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की एक चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ने एक अप्रैल को मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा और यह कहा कि दो अप्रैल से चार अप्रैल तक प्रदेशभर मे तनाव पैदा होगा और सांप्रदायिक सद्भाव भी बिगडेगा , उसके बाद भी राज्य सरकार ने उसका कोई संज्ञान नहीं लिया।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में राजनीतिक चश्मों से अपराधियों को अलग-अलग कर देखा जाता है, इससे बड़ा कोई दुर्भाग्य कोई हो नहीं सकता।
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