राजस्थान में शादी के एक रोज बाद लड़की का जबरन 'कौमार्य परीक्षण' (वर्जिनिटी टेस्ट) कराया गया। वह उसमें फेल हो गई तो वहां की खाप पंचायत ने उस पर मोटा जुर्माना लगा दिया। नवविवाहिता के परिजन से पंचायत ने कहा कि वे लोग उन्हें 10 लाख रुपए जुर्माने के रूप में चुकाएं। यह पूरा मामला भीलवाड़ा का है। पुलिस के मुताबिक, वहां 24 साल की एक लड़की की हाल में शादी हुई। विवाह के बाद पहले दिन उसे इस टेस्ट के लिए मजबूर किया गया था। बागोर के थाना प्रभारी अयूब खान के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में कहा गया- स्थानीय खबर के आधार पर हमने मामले की जांच की। शनिवार को ससुरालियों के खिलाफ केस हुआ।
एफआईआर के मुताबिक, महिला ने शिकायत देते हुए आरोप लगाया कि पति और ससुरालियों ने स्थानीय मंदिर में खाप पंचायत बुलाने से पहले उसके साथ मारपीट की थी। पीड़िता के संदर्भ में यह 11 मई को बागोर थाना क्षेत्र के बागोर गांव में की गई।
पुलिस के अनुसार टेस्ट के बाद महिला ने अपने ससुराल वालों को बताया शादी से कुछ समय पहले एक पड़ोसी ने उससे बलात्कार किया था और 18 मई को सुभाष नगर पुलिस थाने में रेप का मामला दर्ज किया गया।
इस बीच, एक कथित वीडियो के मुताबिक पीड़िता ने कहा, 'मैं अनुष्ठान (कुकड़ी प्रथा) में विफल रही। दोपहर में अनुष्ठान किया गया। उसके बाद देर रात तक चर्चा हुई। मैंने डर के मारे कुछ नहीं कहा। फिर पति व ससुराल वालों ने मुझे पीटा। मैंने उन्हें बताया कि उसके साथ यह घटना (बलात्कार) पहले हो चुकी है।’’
उधर, मांडल के पुलिस उपाधीक्षक सुरेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘यह एक सामाजिक बुराई है, जिसे राजस्थान में कुकड़ी प्रथा के नाम से जाना जाता है। एक मामला सामने आया था, जिसके बाद एक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की गई और मामला दर्ज किया गया।’’
पुलिस की तथ्यात्मक रिपोर्ट में पाया गया कि 31 मई को खाप पंचायत बुलाई गई थी, जहां पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये देने के लिए कहा गया था। पुलिस के अनुसार भादंसं की धारा 498 ए (दहेज), 384 (जबरन वसूली), 509 (शील भंग) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दरअसल, सांसी समाज में युवती कुंवारी है या नहीं? यह जानने के लिए 'कुकड़ी प्रथा' सामाजिक बुराई के रूप में अभी भी मौजूद है।