- रजनीकांत ने कहा कि उन्हें भगवा रंग में रंगने की खूब कोशिश हुई, पर वह जाल में नहीं फंसने वाले हैं
- उन्होंने तमिल कवि तिरुवल्लुवर को केसरिया चोला पहनाए जाने को बीजेपी का एजेंडा करार दिया
- कवि तिरुवल्लुवर से जुड़ा विवाद बीजेपी द्वारा केसरिया रंग में उनकी तस्वीर जारी करने के बाद उपजा है
चेन्नई : सम्मानित तमिल कवि तिरुवल्लुवर को भगवा चोला पहनाए जाने के बाद तमिलनाडु में जहां विपक्षी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, वहीं अब रजनीकांत ने भी इसे लेकर पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ समय में मीडिया और कुछ लोगों ने यह बताने की कोशिश की कि वह बीजेपी की विचारधारा के करीब हैं, पर यह सच नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें भगवा रंग में रंगने की खूब कोशिश हुई, लेकिन न तो तिरुवल्लुवर और न ही वह इस जाल में फंसने वाले हैं।
सुपरस्टार रजनीकांत ने यह भी कहा कि आने वाले समय में वह किस राजनीतिक पार्टी से जुड़ेंगे या नहीं, इस बारे में फैसला वह खुद करेंगे। रजनीकांत यहां राज कमल फिल्म्स इंटरनेशनल के नए कार्यालय परिसर में दिवंगत फिल्म निर्देशक के बालाचंदर की प्रतिमा के अनावरण मौके पर मौजूद थे, जिसके बाद संवाददताओं से बातचीत में उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी मुझे भगवा रंग में रंगने की कोशिश कर ही है, जैसा कि उन्होंने तिरुवल्लुवर के साथ किया। लेकिन न तो तिरुवल्लुवर और न ही मैं उनके जाल में फसूंगा।'
तमिल कवि तिरुवल्लुवर को केसरिया चोला पहनाए जाने पर उन्होंने कहा, 'यह बीजेपी का एजेंडा है। मुझे लगता है कि इन मुद्दों को अधिक तवज्जो दी जा रही है, जबकि कई मुद्दे इससे अधिक महत्वपूर्ण हैं, जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। मुझे लगता है कि यह बेहद मूर्खतापूर्ण है।' वहीं, अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को लेकर रजनीकांत ने सभी पक्षों से शांति बरतने और जो भी फैसला आए उसका सम्मान करने की अपील की।
क्या है तिरुवल्लुवर से जुड़ा विवाद?
तमिल कवि तिरुवल्लुवर से जुड़ा विवाद बीजेपी द्वारा केसरिया रंग में उनकी तस्वीर जारी करने के बाद उपजा है। पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई, जब बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक में थाई भाषा में 'तिरुक्कुराल' का विमोचन किया। इसे प्रख्यात तमिल कवि तिरुवल्लुवर ने लिखा है, जो तमिलनाडु में बहुत से लोगों के लिए किसी ग्रंथ की तरह है। तीन हिस्सों में विभाजित इस ग्रंथ को उच्च नैतिकता व धर्मनिरपेक्ष शिक्षा देने वाला बताया जाता है। पीएम के शुक्रवार को थाई भाषा में पुस्तक के विमोचन के बाद रविवार को तमिलनाडु की बीजेपी इकाई ने तिरुवल्लुवर की एक तस्वीर ट्वीट की।
इस तस्वीर में तिरुवल्लुवर को भगवा वस्त्र पहने, मस्तक पर टीका लगाए और गले व बाजू में रुद्राक्ष की माला धारण किए दिखा गया है। बीजेपी के इस ट्वीट के बाद ही यहां विवाद शुरू हुआ। डीएमके ने इसे तिरुवल्लुवर का अपमान करार देते हुए इसके विरोध में प्रदर्शन भी किया। पूरे विवाद के बीच सोमवार को राज्य के तंजावुर जिले में तमिल कवि की प्रतिमा पर कुछ अराजक तत्वों ने इंक और गाय के गोबर भी डाले, जिसे बाद में साफ कर दिया गया। डीएमके का आरोप है कि बीजेपी इसके जरिये सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।