नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस के परेड में पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं किए जाने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। रक्षा मंत्री ने नेता जी पर केंद्रित झांकी समारोह में शामिल नहीं किए जाने की वजह बताई है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि गणतंत्र दिवस समारोह के सफल आयोजन में ममता बनर्जी सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा है कि समिति झांकियों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से करती है। बता दें कि पश्चिम बंगाल की झांकी परेड में शामिल नहीं करने के केंद्र सरकार के फैसले पर ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।
ममता ने कहा-फैसले पर दोबारा विचार करे सरकार
अपने पत्र में ममता बनर्जी ने सरकार को अपने इस फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि झांकी शामिल नहीं किए जाने से पश्चिम बंगाल के लोगों को 'गहरी पीड़ा' हुई है। यह एक तरह से बंगाल के स्वतंत्रता सेनानियों के 'योगदान को कम करने' जैसा है।
ममता ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र की 125वीं जयंती के मौके पर उनके योगदान को बताने के लिए पश्चिम बंगाल की सरकार की ओर से विशेष रूप से झांकी तैयार करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। इस झांकी में ईश्वर चंद्र विद्यासागर, रवींद्रनाथ टैगोर, बिरसा मुंडा एवं अन्य देशभक्तों की तस्वीरें को भी जगह दी गई है।
रक्षा मंत्री ने कहा-बंगाल के सभी सेनानियों को दिया सम्मान
रक्षा मंत्री ने ममता बनर्जी को जानकारी दी है कि पश्चिम बंगाल की झाकियों को 2017, 2018, 2019 एवं 2021 की परेड में शामिल किया गया। समिति तय मानकों के आधार पर झांकियों का चयन करती है। मौजूदा सरकार ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाने का फैसला लिया है। गणतंत्र दिवस का समारोह 23 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी तक चलेगा। रक्षा मंत्री ने पश्चिम बंगाल के सभी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने की बात कही है। झांकियों को शामिल करने वाली समिति तय करती है कि परेड में किस राज्य की झांकी को शामिल किया जाना है।