- महाराष्ट्र और राजस्थान में कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट पर स्थानीय नेताओं में काफी नाराजगी है।
- भाजपा ने अपनी लिस्ट में प्रमुख रूप से स्थानीय नेताओं को तरजीह दी है।
- बीते अप्रैल में असम के राज्य सभा चुनाव में भाजपा सेंधमारी कर चुकी है।
Rajya Sabha Election Candidates List 2022: राज्य सभा की 57 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में भाजपा की लिस्ट ने विपक्षी खेमे में बेचैनी बढ़ा दी है। भाजपा ने जिस तरह राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिए हैं, उससे साफ है कि वह विपक्षी खेमे में सेंधमारी की तैयारी में हैं। और कांग्रेस में उम्मीदवारों के चयन को लेकर महाराष्ट्र, राजस्थान में जैसा घमासान मचा हुआ है, उससे क्रॉस वोटिंग की संभावना भी बढ़ गई है। ऐसे में 10 जून को होने वाली वोटिंग अब काफी रोचक हो गई है। क्योंकि भाजपा ने अपनी रणनीति से विपक्षी खेमों को साफ संदेश दे दिया है कि वह किसी भी सीट पर वॉकओवर देने को तैयार नहीं है।
भाजपा ने कैसे बढ़ाई धड़कन
भाजपा ने अब तक 22 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन की घोषणा कर दी है। अब यही से विपक्षी दलों के लिए चुनौती खड़ी होती दिख रही है। क्योंकि भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में राजस्थान से सुभाष चंद्रा और हरियाणा से कार्तिकेय शर्मा का समर्थन कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि इन निर्दलीय उम्मीदवारों को भाजपा के वोट मिलने के साथ-साथ अपने संपर्क का भी फायदा मिलेगा। और ऐसा होता है तो निर्दलीय विधायक कांग्रेस और दूसरे दलों में सेंधमारी करेंगे।
सबसे पहले बात राजस्थान की, जहां पर 4 सीटों के लिए वोटिंग होगी। मौजूदा संख्या बल के आधार पर कांग्रेस यहां पर 2 और भाजपा एक सीट आसानी से जीत जाएगी। इसी समीकरण के आधार पर कांग्रेस ने रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को मैदान में उतारा है। लेकिन उसने निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के समर्थन की घोषणा कर मुकाबले को रोचक बना दिया है। अब चार सीटों के लिए कुल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिस तरह रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को टिकट देने पर राजस्थान में स्थानीय नेताओं को नजर अंदाज करने का मुद्दा राजस्थान कांग्रेस में उठा है। ऐसे में अगर सुभाष चंद्रा असंतुष्ट नेताओं को अपने साथ ला पाए, तो राजस्थान में बड़े उलटफेर हो सकते हैं।
इसी तरह महाराष्ट्र में कुल 6 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। और मौजूदा संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी को एक-एक जबकि भाजपा के 2 उम्मीदवारों का चुना जाना तय है। लेकिन शिवसेना ने दूसरे उम्मीदवार संजय पवार की घोषणा कर, भाजपा को मौका दे दिया । और भाजपा ने भी लड़ाई को रोचक बनाने के लिए धनंजय महादिक को तीसरे उम्मीदवार के रूप में खड़ा कर दिया। इस तरह अब 6 सीटों के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में हो गए है। ऐसे में पृथ्वी राज चह्वाण, नगमा और विश्वबंधु राय जैसे कांग्रेस नेताओं की उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ खुलकर नाराजगी कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है।
इसी तरह कर्नाटक में कुल 4 सीटों के लिए वोटिंग है। संख्या बल को देखते हुए भाजपा 2 और कांग्रेस 1 सीट आसानी से जीत सकती है। लेकिन भाजपा ने तीसरे उम्मीदवार के रूप में लहर सिंह को मैदान में उतार दिया है। ऐसे में यहां भी लड़ाई रोचक है। यहां पर जेडी (एस) अहम भूमिका निभाएगी। उसने भी कुपेंद्र रेड्डी को मैदान में उतारा है। लेकिन जीत के लिए उसे कांग्रेस का साथ चाहिए। इधर लहर सिंह के दूसरे दलों से रिश्तों के देखते हुए लड़ाई रोचक बन गई है।
असम में भाजपा लगा चुकी है सेंध
बीते अप्रैल में भाजपा ऐसी ही सेंधमारी कर कांग्रेस को झटका दे चुकी है। असम में राज्यसभा की दो सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने दोनों सीटों पर जीत हासिल कर ली थी । और परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने अपने एक एमएलए को वोट 'बर्बाद' करने के आरोप में निलंबित कर दिया था। और उसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ने क्रॉस वोटिंग की थी। जिसकी वजह से भाजपा को फायदा हुआ।
भाजपा ने नियुक्त किए 4 प्रभारी
राज्य सभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने 4 राज्यों के लिए प्रभारी की घोषणा कर दी है। इसके तहत केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को कर्नाटक और अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र के लिए राज्यसभा चुनाव का प्रभारी बनाया है। जबकि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को राजस्थान और गजेंद्र सिंह शेखावत को हरियाणा में राज्यसभा चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया गया है।