नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के दौरान जम्मू-कश्मीर में लगभग 2,000 से 2,500 लोग प्रिवेंटिव डिटेंशन में थे, लेकिन अब केवल 200 से 250 प्रिवेंटिव डिटेंशन में हैं। एक कार्यक्रम में माधव ने कहा, 'आज जम्मू-कश्मीर में केवल 200-250 लोग कानून-व्यवस्था के मद्देनजर हिरासत में हैं। उन्हें सतर्कता हिरासत के तहत रखा गया है, कुछ 5 स्टार गेस्ट हाउस में हैं, तो कुछ पांच सितारा होटलों में।'
उन्होंने कहा, 'मैं यह भी कहना चाहूंगा कि 200-250 लोगों को हिरासत में रखा गया है और दो महीने से कश्मीर में शांति है। आप समझ सकते हैं कि कश्मीर के लोग क्या चाहते हैं और ये 200-250 लोग क्या चाहते हैं।'
माधव ने आगे कहा कि 1994 में एक सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि पाकिस्तान के साथ चर्चा करने के लिए एकमात्र विषय है जब वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भारत को सौंप देंगे। उन्होंने कहा, 'कश्मीर के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच पीओके की स्थिति पर बातचीत बाकी है।'
इसके साथ ही माधव ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 370 जब प्रभावी था, उसने जम्मू-कश्मीर के निवासियों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया। इसके साथ ही माधव ने कहा कि विवादास्पद प्रावधान को मोदी सरकार द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता और अन्य लोग जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने की आलोचना कर रहे हैं, उन्हें बताना चाहिए कि क्या इसके प्रावधान लोकतांत्रिक तरीके से लागू किए गए थे। माधव ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए साहस की आवश्यकता थी, जिसे कांग्रेस नहीं दिखा सकी।