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Ram Mandir in Ayodhya: ऐसा होगा अयोध्‍या में बनने वाला राम मंदिर, राजस्‍थानी संगमरमर से तैयार होंगे 24 गेट!

Updated Nov 09, 2019 | 11:39 IST

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। अयोध्‍या में विवादित जमीन पर राम मंदिर के निर्माण का रास्‍ता साफ हो गया है।

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Ram Mandir Ayodhya

अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार रामलला को विवादित जमीन देने का फैसला किया है, वहीं सुन्‍नी बोर्ड को दूसरी जगह मस्जिद के लिए जमीन दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अयोध्‍या में विवादित जमीन पर राम मंदिर के निर्माण का रास्‍ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ में शामिल पांच जजों ने अयोध्या केस में फैसला सुनाया है। इन जजों में जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े (एस.ए. बोबड़े), जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं! आइये जानते हैं कि कैसा हो सकता है अयोध्‍या में बनने वाला राम मंदिर। 

विवादित जमीन पर राम लला की जीत हुई है। काफी वक्‍त से रिपोर्ट्स आती रही हैं कि यहां बनने वाले राम मंदिर की कुल लंबाई 270 फुट और चौड़ाई 132 फुट की होगी। मंदिर के भूतल पर रामलला विराजमान होंगे और प्रथम तल पर श्रीराम दरबार रहेगा। मंदिर में कुल 212 खंबे बनाए जाएंगे और हरेक पर सोलह मूर्तियां उकेरी जाएंगी। मंदिर में कुल 24 दरवाजे होंगे। चौखट संगमरमर के होंगे।

इस मंदिर में 128 फुट ऊंचा और दस फुट चौड़ा परिक्रमा मार्ग होगा। पूरा मंदिर राजस्थान के भरतपुर के हल्के गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर से बनेगा। वहीं 24 दरवाजे राजस्‍थान के संगमरमर के पत्‍थरों से बनेंगे। मंदिर में कुल एक लाख 75 हजार घनफुट पत्‍थर का इस्‍तेमाल होगा। अद्भुत आकर्षक का केंद्र यह मंदिर दोमंजिला होगा उसमें लोहे का कहीं प्रयोग नहीं किया जाएगा। 

मंदिर के नीचे के भाग में 106 खंभे लगने हैं, वे तैयार हैं। 106 खंभे ऊपर भी होंगे। हर खंभे पर 16-16 मूर्तियां बनाई जाएंगी। बता दें कि अयोध्या में 1990 से पत्थर तराशने का काम कार्यशाला में चल रहा है। इतना ही नहीं राजस्थान के पीडवाडा व मकराना में भी राम मंदिर की चार कार्यशालाएं फरवरी 1996 से चल रही हैं। पत्थर तराशने का काम 65 प्रतिशत पूरा हो चुका है। 

बता दें कि अयोध्या विवाद की नींव साल 1528 में रखी गई, जब यहां मुगल शासक बाबर ने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया। हिंदुओं की तरफ से कहा गया कि मस्जिद उस स्थल पर बनाई गई, जो राम का जन्मस्थान था। हिंदू-मुस्लिम के बीच तनाव के कारणों में से ये एक है। इसे लेकर कई बार दंगे भी हुए। आजादी के बाद भी ये विवाद जारी रहा और गहरा गया। 1949 में यहां मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियां पाई गईं, जिसे लेकर भी तनाव बढ़ा। फिर 1992 हजारों कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया, जिससे देशभर में दंगे भड़क उठे, जिसमें 2000 से ज्यादा लोग मारे गए।

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