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- पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ बालकृष्ण ने डीआरडीओ की कोरोना दवा पर दावा
- बालकृष्ण ने कहा- डीआरडीओ की 2 डीजी दवा भी पतंजलि के शोध पर आधारित है
- एलोपैथ इलाज पर बाबा रामदेव की ओर से दिए गए बयान पर विवाद खड़ा हो गया है
देहरादून : एलोपैथ के बारे में योग गुरु बाबा रामदेव के विवादित बयान के बाद पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने गुरुवार को चौंकाने वाला दिया दिया। बालकृष्ण ने कहा कि 'वे लोग जो आयुर्वेद पर अंगुली उठा रहे हैं, उन्हें यह जानना चाहिए की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की नई कोरोना दवा 2 डीजी की उत्पत्ति भी आयुर्वेद से हुई है और यह दवा पतंजलि के शोध पर आधारित है।'
'पतंजलि के रिसर्च पर बनी है डीआरडीओ की कोरोना दवा'
उन्होंने बताया 'पिछले कुछ महीनों में हमने पतंजलि में कोविड पर बहुत सारा काम किया है। 2 डीजी के निर्माण में जिस शोध का इस्तेमाल हुआ है वह रिसर्च सबसे पहले हमारे वैज्ञानिकों ने पतंजलि के परिसर में किया। कोविड पर हमारे 10 पेपर अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं और 15 अभी पाइपलाइन में हैं।'
पतंजलि के कोरोनिल किट पर आईएमए ने उठाए हैं सवाल
पतंजलि की कोरोनिल किट पर भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) की ओर से सवाल उठाए जाने के सवाल पर बालकृष्ण ने कहा कि अपनी दवा को बाजार में लाने से पहले पतंजलि ने सभी वैज्ञानिक एवं प्रशासनिक जरूरतों को पूरा किया। इसके बाद उसे मंजूरी मिली। रामदेव के करीबी सहयोगी ने कहा, 'पतंजलि ने जबसे कोरोनिल दवा पेश की है तब से एलोपैथी के डॉक्टरों की तरफ से इस दवा के बारे में गलत बातें फैलाने की लगातार कोशिशें हो रही हैं। हमने इस दवा से जुड़े सभी उपयुक्त साक्ष्य एवं क्लिनिकल डाटा सभी हितधारकों के साझा किए और इसके बाद हमें दवा बनाने का लाइसेंस मिला।'
बालकृष्ण ने खुली चर्चा का दिया न्योता
उन्होंने आगे कहा कि इस विषय पर वह एलोपैथी के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों एवं अन्य विशेषज्ञों को पतंजलि के वैज्ञानिकों एवं आयुर्वेद के डॉक्टरों के साथ खुली चर्चा करने न्योता देते हैं। बालकृष्ण ने कहा, 'यदि किसी को लगता है कि हम गलत हैं तो हम अपने शोध पर चर्चा और बहस के लिए तैयार हैं।' बता दें कि रामदेव ने कुछ दिनों पहले दावा किया कि एलोपैथी बकवास विज्ञान है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं। आईएमए के अनुसार रामदेव ने कहा कि एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है।
रामदेव के इस बयान पर आईएमए और एलोपैथी के डॉक्टरों ने गंभीर आपत्ति जताई। विवाद बढ़ने पर योग गुरु ने अपना बयान वापस ले लिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव के बयान को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' करार देते हुए उन्हें इसे वापस लेने को कहा।