महोबा/झांसी (उत्तर प्रदेश) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को नमन करते हुए कहा कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा। झांसी के किले में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती और आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित ‘राष्ट्र रक्षा समर्पण पर्व’ को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह ऐतिहासिक झांसी का किला, इस बात का जीता जागता गवाह है कि भारत कभी कोई लड़ाई शौर्य और वीरता की कमी से नहीं हारा। रानी लक्ष्मीबाई के पास अगर अंग्रेजों के बराबर संसाधन होते तो देश की आजादी का इतिहास कुछ और होता।
मोदी ने शुक्रवार को वीरों की ऐतिहासिक धरती बुंदेलखंड के झांसी और महोबा में 'जय जवान-जय किसान' के नारे को रेखांकित करते हुए किसानों और जवानों लिए साढ़े छह हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी और बुंदेलखंड को नयी पहचान देने का वादा किया।
उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को विकास योजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के जरिये बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने का वादा किया। वीर आल्हा-उदल की धरती महोबा में उन्होंने करीब 3,240 करोड़ रुपये की लागत से बनी अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना और मझगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया।
स्वाधीनता संग्राम की सेनानी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर उन्होंने झांसी में 3,425 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत की। मोदी ने झांसी के गरौठा में 3,013 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 600 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा सोलर पावर पार्क और उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की झांसी में 400 करोड़ रुपये की परियोजना की भी आधारशिला रखी।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज ‘जय जवान-जय किसान' के नारे को वास्तविक धरातल पर उतरता हुआ हम देख सकते हैं। बुंदेलखंड इसका जीवंत उदाहरण है। सात जिलों वाले बुंदेलखंड में 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दबदबा था और वहां की सभी 19 सीटें भाजपा ने जीती थीं।
प्रधानमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने की केन्द्र की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए महोबा में कहा कि किसानों को हमेशा समस्याओं में उलझाए रखना ही कुछ राजनीतिक दलों का आधार रहा है, ये ‘समस्याओं की राजनीति’ करते हैं और हम ‘समाधान की राष्ट्रनीति’ करते हैं। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने बीज से लेकर बाजार तक हर स्तर पर किसानों के हित में कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि पीढ़ियों से जिस पानी का इंतजार था, वह इंतजार भी आज खत्म होने जा रहा है। इन सिंचाई परियोजनाओं से लाखों परिवारों को लाभ होगा। चार लाख से अधिक लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। उन्होंने कहा कि बीते सात वर्षों में हम कैसे सरकार को बंद कमरों से निकालकर देश के कोने-कोने तक लाए हैं, महोबा उसका उदाहरण है।
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की पूर्ववर्ती सरकारों का नाम लिये बिना उन पर एक साथ निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक शासन करने वालों ने बारी-बारी से इस क्षेत्र को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां के जंगलों, संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया, यह किसी से छिपा नहीं है। अब इन्हीं माफिया पर उत्तर प्रदेश में जब बुलडोजर चल रहा है तो कुछ लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं।
उन्होंने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती राज्य सरकार पर परियोजनाओं को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं लेने का आरोप लगाया और योजना को पूरा करने के लिए योगी आदित्यनाथ के शासन की प्रशंसा की। उन्होंने भाजपा सरकारों की कार्य संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि इस कटु सत्य को कोई नहीं भूल सकता कि वे उत्तर प्रदेश को लूटते नहीं थकते और हम इसके लिए काम करते नहीं थकते।
उन्होंने तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने वाले कानून का भी जिक्र किया और कहा कि मैंने महोबा में मुसलमान बहनों से किया गया अपना वादा पूरा किया है। क्षेत्र में पानी की कमी की समस्याओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोग इस क्षेत्र में बेटी ब्याहने से क्यों कतराने लगे, क्यों यहां की बेटियां पानी वाले क्षेत्र में शादी की कामना करने लगीं? इन सवालों के जवाब महोबा, बुंदेलखंड के लोग अच्छी तरह जानते हैं।
मोदी ने कहा कि गुजरात के कच्छ की हालत भी बुंदेलखंड जैसी ही थी, लोग वहां से पलायन कर रहे थे लेकिन मुझे सेवा का अवसर मिला तो आज कच्छ देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में एक है और मुझे भरोसा है कि बुंदेलखंड में वैसा ही विकास होगा। उन्होंने कहा कि हम बुंदेलखंड से पलायन रोकने और इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारा इसका बहुत बड़ा प्रमाण है।
‘रक्षा गलियारे’ में झांसी क्षेत्र की 400 करोड़ रुपये की परियोजना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि आज हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ रही है, तो साथ ही भविष्य में देश की रक्षा के लिए सक्षम युवाओं के लिए जमीन भी तैयार हो रही है। सौ सैनिक स्कूलों की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा, लंबे समय से भारत को दुनिया के सबसे बड़े हथियार खरीदार देशों में गिना जाता रहा है, लेकिन आज देश का मंत्र है 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड'। आज भारत अपनी सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम कर रहा है और नये स्टार्टअप को अपने क्षेत्र में कमाल दिखाने का मौका मिल रहा है। इसमें झांसी की परियोजना की बड़ी भूमिका होने जा रहा है। यहां लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) और छोटे उद्योगों के लिए नयी संभावना और युवाओं को रोजगार के लिए नए अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सैनिक स्कूलों में बेटियों के दाखिले की शुरुआत की है और इस वर्ष 33 सैनिक स्कूलों में लड़कियों को भी प्रवेश दिया गया है। इन सैनिक स्कूलों से रानी लक्ष्मीबाई जैसी बेटियां भी निकलेंगी जो देश की रक्षा-सुरक्षा, विकास की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएंगी।