प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वादा पूरा किया। आज संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन दोनों सदनों से तीनों किसान वापसी बिल को पास कर दिया। बिल वापसी के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष बिल वापसी से पहले बहस चाहता था हालांकि ध्वनिमत से सरकार ने दोनों सदनों में इस बिल को पास कर लिया। सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था वो पूरा हो गया है। अब राष्ट्रपति को सिग्नेचर करना है और तीनों कृषि बिल कानूनी तौर पर खत्म हो जाएगा। लेकिन किसान अब भी आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन जारी है अब किसान एमएसपी समेत कई दूसरी मांगो पर अड़े हुए हैं।
इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को धमकी दी है। राकेश टिकैत सरकार को धमकी देते हुए इसी साल 26 जनवरी को दिल्ली पर लगाए काले धब्बे और हिंसा की याद दिला रहे हैं। टिकैत साफ-साफ धमकी दे रहे हैं कि अगर एमएसपी पर कानून नहीं बना तो 4 लाख ट्रैक्टर भी यही हैं और 26 जनवरी भी नजदीक है। पूरे साल भर राकेश टिकैत कहते रहे बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं। सरकार बिल को रद्द करे तो हम आंदोलन खत्म कर देंगे। लेकिन अब टिकैत क्या फिर से 2022 में 26 जनवरी को 2021 वाली साजिश रचने की बात कर रहे हैं? क्या 26 जनवरी को टिकैत दिल्ली को बंधक बनाना चाहते हैं? वहीं दूसरी तरफ विपक्ष कानून वापस होने का श्रेय लेना चाह रहा है। संसद से लेकर सड़क तक विपक्ष ने आज वही किया और पूरे आंदोलन को हाईजैक करने की कोशिश की।
ऐसे में सवाल हैं:
- कानून वापस...आंदोलन वापसी कब?
- सरकार झुकी, टिकैत क्यों अड़े?
- 26 जनवरी पर ट्रैक्टर वाली धमकी क्यों?
- विपक्ष का एजेंडा, टिकैत 'मोहरा'?
- टिकैत आखिर किसके 'टूल'?