- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रतन टाटा के साथ अपना एक पुराना किस्सा सुनाया
- रतन टाटा ने पूछा था कि क्या आरएसएस के अस्पताल में केवल हिंदुओं का इलाज होगा?
- गडकरी ने जवाब दिया, उन्होंने बताया कि आरएसएस में धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं होता है
Nitin Gadkari : केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को रतन टाटा के साथ अपनी एक पुरानी बात साझा की। गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में जब वह मंत्री थे तो आरएसएस के एक पदाधिकारी ने अस्पताल के उद्घाटन में रतन टाटा को अपने साथ लाने के लिए अनुरोध किया। कार्यक्रम में रतन टाटा जब पहुंचे तो उन्होंने पूछा कि क्या यह अस्पताल केवल हिंदुओं के लिए है? इस पर उन्होंने पूछा कि वह ऐसा क्यों सोचते हैं? गडकरी ने कहा, 'रतन टाटा ने मुझसे कहा कि उनका सवाल इसलिए है क्योंकि यह आरएसएस का अस्पताल है। इस पर मैंने उनसे कहा कि यह अस्पताल सभी के लिए है। आरएसएस में इस तरह की सोच नहीं चलती है।'
औरंगाबाद में होना था अस्पताल का उद्घाटन
गडकरी ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख रहे केबी हेडगेवार के नाम पर औरंगाबाद में एक अस्पताल का उद्घाटन होना था। उस समय वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे। आरएसएस के एक एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे इच्छा जताई कि अस्पताल का उद्घाटन रतन टाटा के हाथों हो। इस कार्य में आरएसएस के पदाधिकारी ने उनसे मदद मांगी।
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अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे गडकरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके बाद उन्होंने अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए रतन टाटा को तैयार किया। अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए टाटा जब वहां पहुंचे तो उनका सवाल था कि क्या इस अस्पताल में केवल हिंदुओं का इलाज होगा। इस पर मैंने पूछा कि वह ऐसा क्यों सोचते हैं? तो उन्होंने तुरंत जवाब दिया कि यह अस्पताल आरएसएस का है।
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गडकरी ने रतन टाटा को आरएसएस के बारे में बताया
गडकरी ने कहा, 'मैंने रतन टाटा से कहा कि यह अस्पताल सभी समुदायों के लिए है। आरएसएस में धर्म के नाम पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है।' इसके बाद गडकरी ने रतन टाटा को आरएसएस के बारे में और बहुत सी बातें बताईं जिन्हें सुनकर वह काफी खुश हुए।