नई दिल्ली : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी की एक जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे करने के लिए कोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग खारिज कर दी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि सर्वे 17 मई तक पूरा कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपें। यह फैसला आने के बाद प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई।
बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने टाइम्स नाउ नवभारत से कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में सिर्फ हिंदुओं को ही दबाया गया है जबकि योगी जी के शासन में ऐसा नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला सर्वमान्य होगा। लोकतंत्र में हम इस व्यवस्था पर विश्वास करते हैं। कोट का हम सम्मान करते हैं। भारत में आक्रांताओं ने हमारे देवालय को तोड़ा है। सर्वे के बाद जो जांच होगा वह भी सर्वमान्य होगा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां मंदिर थे वहां वहां मंदिर होंगे।
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमिटी की तरफ से एक वकील ने अदालत के अधिकारी अजय कुमार मिश्रा को बदलने की मांग करते हुए एक आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहे हैं।
Gyanvapi Mosque Survey: नहीं बदले जाएंगे कोर्ट कमिश्नर, तहखाना भी खुलेगा, फैसले पर पूरी नजर
ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने कहा कि फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट जाएगा। उन्होंने TIMES NOW नवभारत से बातचीत में कहा कि कोर्ट का आदेश है कि ज्ञानवापी तहखाने को खुलवाकर सर्वे किया जाए।
'ताला खोलकर या तोड़कर सर्वे का काम करें पूरा', ज्ञानवापी मस्जिद पर कोर्ट के फैसले की बड़ी बातें
ज्ञानवापी मामले की महिला पक्षकार ने कहा कि सर्वे जल्द शुरू होगा, ताला तोड़कर सर्वे करने का न्यायालय ने आदेश दिया है।