कोलकाता: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम मोदी के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए एक शर्त रखी है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वो पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन इससे पहले उन्हें नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेना होगा।
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'ये अच्छी बात है कि पीएम मोदी बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन इसके लिए उन्हें पहले सीएए को वापस लेना होगा। उन्होंने सीएए, कश्मीर, एनआरसी, और एनपीआर के बारे में निर्णय लेने से पहले सर्वदलीय बैठक भी नहीं बुलाई थी। सीएए, एनआरसी और एनपीआर देश के लिए खराब हैं। हम बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन पहले आप एनआरसी को हटाइए।' ये बात ममता बनर्जी ने सीएए के खिलाफ पेंटिंग के जरिए विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम के दौरान कोलकाता में कही।
सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। केरल, पंजाब और राजस्थान में भी इसी तरह के प्रस्ताव पारित हुए हैं। पश्चिम बंगाल इस सूची में शामिल होने वाला चौथा राज्य है।
ममता सीएए के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर हैं। ममता ने कहा है कि वह अपने जीते जी सीएए और एनआरसी पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। नागरिकता कानून के खिलाफ वह कोलकाता में कई रैलियों कर चुकी हैं। गत सोमवार को पश्चिम बंगाल की विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित हुआ।
ममता का कहना है कि यह कानून संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। पश्चिम बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठियों के सवाल पर ममता सरकार को घेरना चाहती है। राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं और इस चुनाव में भी भाजपा सीएए को मुद्दा बनाना चाहेगी।