- 'फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायक नैतिकता का टेस्ट कराएं'
- 'उद्धव जी के अस्पताल में रहते समय रची गई साजिश'
- समय आने पर सब बेनकाब होंगे- आदित्य ठाकरे
महाराष्ट्र में सियासी संकट बरकरार है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में शिंदे कैंप को 11 जुलाई तक राहत मिल गई। बता दें कि शिंदे कैंप के 16 विधायकों पर अयोग्यता की तलवार लटक रही थी। अदालत ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए वक्त दिया है। इन सबके बीच शिंदे कैंप चाहता है कि महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट कराया जाए ताकि सच दुनिया के सामने आ सके कि कौन असली शिवसेना है। इन सबके बीच उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने शिंदे कैंप पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बागियों को फ्लोर टेस्ट से पहले नैतिकता का टेस्ट करना चाहिए। सीआरपीएफ, सेना उस होटल (गुवाहाटी में) में तैनात है जहां बाढ़ है। इसके बजाय, उन्हें कश्मीरी पंडितों के लिए तैनात किया जाना चाहिए।
बागियों ने साजिश तब रची जब उद्धव जी..
उन्होंने पूरी साजिश की कल्पना तब की जब सीएम (उद्धव ठाकरे) 24×7 काम करने के लिए सीएम के रूप में अक्षम थे; तब भी वह काम कर रहा था। जो भी वापस आना चाहता है, हमारे दरवाजे खुले हैं।अगर विद्रोह करने वाले सचमुच साहसी हैं, तो इस्तीफा दें और हमारे सामने खड़े होने का साहस रखें।
गुवाहाटी में लोगों के दो समूह
गुवाहाटी में लोगों के दो समूह हैं - 15-16 लोगों का एक समूह है जो हमारे संपर्क में हैं, उनमें से कुछ हाल ही में हैं। दूसरा गुट वो है जो भाग गया है, उनमें साहस और नैतिकता नहीं है। हमारा तो स्पष्ट मत है कि अगर किसी को किसी तरह की परेशानी है तो वो मुंबई आए बात करे। लेकिन किसी दूसरे के इशारे पर पार्टी को तोड़ने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। शिवसेना का स्पष्ट मानना है कि हमें राज्य के विकास के लिए काम करना है। किसी दूसरे के बहकावे में नहीं आना है।