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नई दिल्ली : देश 71वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है, जिसे लेकर लोगों में खूब उत्साह है। इस अवसर पर मुख्य आकर्षण राजपथ पर होने वाला परेड होता है, जिसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस बार गणतंत्र दिवस पर ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो मुख्य अतिथि होंगे। गणतंत्र दिवस के संबंध में कई महत्वपूर्ण और दिलचस्प तथ्य हैं, जिन्हें जानना आप पसंद करेंगे:
- गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस देश का पहला गणतंत्र दिवस देश को 15 अगस्त, 1947 को मिली आजादी के लगभग ढाई साल बाद मनाया गया।
- इससे पहले 26 जनवरी, 1930 को पहली बार पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था और ब्रिटिश शासन से आजादी के लिए आंदोलन को और मजबूत बनाने का फैसला लिया गया था।
- भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में दो साल 11 माह और 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने का काम जिस समिति को दिया गया था, उसके अध्यक्ष डॉ. भीम राव अंबेडकर थे।
- भारतीय संविधान की अंग्रेजी और हिन्दी की दो हस्तलिखित प्रतियां मौजूद हैं। संविधान की इस हस्तलिखित प्रति पर 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा के 308 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे।
- भारतीय संविधान की कोई प्रिंटेड कॉपी मौजूद नहीं है। संविधान की हस्तलिखित मूल प्रति संसद भवन की लाइब्रेरी में रखी हुई है। यह दुनिया के सबसे बड़े संविधान में से एक है, जिसमें 444 अनुच्छेद, 22 अध्ययाय और 12 अनुसूचियां हैं। संविधान लागू होने के पिछले 70 वर्षों में इसमें 100 से अधिक संशोधन किए गए हैं।
- रिपब्लिक डे तीन दिनों का समारोह होता है, जो 29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट के साथ समाप्त होता है। पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो भारत के मुख्य अतिथि थे। पहले गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान क्रिश्चिन भजन 'अबाइड विद मी' बजाया गया था, जो महात्मा गांधी का प्रिय भजन था।
- गणतंत्र दिवस समारोह 1950-1954 के बीच इर्विन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम), लाल किला, रामलीला मैदान और किंग्सवे में मनाया गया था। राजपथ पर पहली बार यह समारोह 1955 में मनाया गया था।
- राजपथ पर पहली बार आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद थे।
- देश के गणतंत्र बनने के बाद पहले राष्ट्रपति के तौर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी, 1950 को सुबह 10:24 बजे शपथ ली थी। पहले गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को 31 बंदूकों की सलामी दी गई थी।
- संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को 'जन गण मन' को राष्ट्रगान के तौर पर अंगीकार किया। इसे नोबेल विजेता रबींद्रनाथ टैगोर ने बांग्ला में लिखा था, जिसका अनुवाद बाद में हिन्दी में किया गया।