- 2020 में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा जानलेवा दोपहिया वाहन साबित हुए हैं।
- सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार 25-35 साल की उम्र के लोग हो रहे हैं।
- 69 फीसदी मौत की वजह ओवर स्पीडिंग है।
Road Accident In India: देश में हर रोज नए सड़कों का जाल बिछ रहा है। और सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द भारतीय सड़कों को अमेरिका जैसी बना दी जाय। लेकिन इस बीच सड़कों पर होने वाले हादसे के आंकड़ों ने सुरक्षा की चिंताएं बढ़ा दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में केवल सड़क दुर्घटना (Road Accident) की वजह से 1,31,714 लोगों की मौत हो गई। जबकि 3,48, 279 लोग घायल हो गए। और करीब हर तीसरी मौत एक्स्प्रेस वे और नेशनल हाईवे पर होती है। जबकि देश के कुल नेटवर्क में उनकी हिस्सेदारी केवल 2.1 फीसदी है। और उससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि इन हादसों में सबसे ज्यादा मरने वालों की उम्र 25-35 साल की है। यानी हादसे का सबसे ज्यादा युवा शिकार हो रहे हैं।
हर तीसरा सड़क हादसा जानलेवा
रिपोर्ट के अनुसार देश में साल 2020 में कुल 3,66,188 सड़क हादसे हुए हैं। इसमें से हर तीसरा हादसा इतना भयावह होता है कि उसमें किसी न किसी की जान चली जाती है। साल 2020 में 1,20,806 हादसे ऐसे हुए हैं, जिसमें कम से कम एक व्यक्ति की जान गई है। इन खतरनाक हादसों में 43,412 एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे (Expresways and National Highways) पर हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा सड़क हादसे तमिलनाडु में होते हैं। जबकि सड़क हादसों में सबसे ज्यादा जान उत्तर प्रदेश में लोग गंवाते हैं। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 15,269 सड़क हादसे हुए है। वहीं उत्तर प्रदेश में 7865 लोगों ने सड़क हादसे में जान गंवाई है।
रिपोर्ट के अनुसार चिंता की बात यह है कि भारत में भले ही साल 2019 की तुलना में 2020 में सड़क हादसे कम हुए हैं। लेकिन प्रति 100 हादसे में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या में इजाफा हुआ है। यानी हादसे कहीं ज्यादा भयावह हो रहे हैं। उदाहरण के तौर पर साल 2019 में 4,49,002 हादसे हुए थे। जो कि 2020 की तुलना में करीब 83 हजार ज्यादा है। लेकिन प्रति 100 हादसे में मरने वालों की संख्या से तुलना की जाय तो 2019 में यह संख्या 33 थी। जो कि 2020 में बढ़कर 36 हो गई है।
दुपहिया वाहन सबसे जानलेवा
रिपोर्ट के अनुसार , 2020 में सड़क हादसों में सबसे ज्यादा जानलेवा दोपहिया वाहन साबित हुए हैं। कुल 1,31,714 मौतों में करीब 44 फीसदी मामले दुपहिया वाहनों के हैं। इस दौरान दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल कर रहे 56,873 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद 23,477 पैदल चलने वालों की मौत हुई है। जबकि 17,873 लोगों की मौत कार, टैक्सी,वैन और दूसरे हल्के वाहनों के इस्तेमाल के दौरान हुई है। हालांकि 2019 के मुकाबले इन मौतों की संख्या में कमी आई है। लेकिन एक आंकड़ा चौंकाने वाला है। 2020 में 2019 की तुलना में साइकिल का इस्मेताल करने वाले लोगों की मौत होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2020 में यह आंकड़ा 2.8 फीसदी बढ़कर 4276 पहुंच गया है।
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सबसे ज्यादा इस उम्र के शिकार
रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा सड़क हादसों का शिकार 25-35 साल की उम्र के लोग हो रहे हैं। इस उम्र के करीब 35 हजार लोग साल 2020 में मौंत के शिकार बने हैं।इसकी एक वजह ओवर स्पीडिंग भी दिखती हैं। क्योंकि कुल मौतों में 69 फीसदी मौत की वजह ओवर स्पीडिंग है। इसके बाद गलत साइड से गाड़ी चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, मोबाइल इस्तेमाल और रेड लाइट जंप करने से मौतें हो रही हैं।