- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की चित्रकूट बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं
- सह सरकार्यवाह अरुण कुमार को भाजपा के साथ समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई
- संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल 2015 से यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की चित्रकूट बैठक में अहम फैसले हुए हैं। संघ और बीजेपी के बीच समन्वय देखने की जिम्मेदारी सह सरकार्यवाह अरुण कुमार को दी गई है। इसके अलावा बंगाल और ओडिशा के क्षेत्र प्रचारक प्रदीप जोशी को अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख बनाया गया है। पहले डॉ. कृष्ण गोपाल के जिम्मे यह कार्य था।
कृष्ण गोपाल का स्थान लिया है
उन्होंने एक अन्य संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल का स्थान लिया है, जो 2015 से इस जिम्मेदारी को संभाल रहे थे। गोपाल ने सुरेश सोनी का स्थान लिया था, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के बाद करीब एक दशक तक समन्वय की जिम्मेदारी संभाली थी। सोनी को प्रभावी समन्वयक के रूप में देखा जाता है। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
चित्रकूट बैठक में हुई घोषणा
मध्य प्रदेश के चित्रकूट में आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की चल रही बैठक में अरुण कुमार को समन्वयक बनाने संबंधी संगठनात्मक बदलाव की घोषणा की गई। संपर्क करने पर आरएसएस प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इसकी पुष्टि की और कहा कि अरुण कुमार भाजपा सहित राजनीतिक मुद्दों के लिए संघ के समन्वयक होंगे। उन्होंने कहा कि यह एक नियमित प्रक्रिया है और संघ अपने कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी में बदलाव करता रहता है।
9-10 जुलाई की बैठक में शामिल हुए संघ प्रमुख भागवत
इस साल की शुरुआत में, आरएसएस ने दत्तात्रेय होसबोले को महासचिव और अरुण कुमार के साथ रामदत्त चक्रधर को संयुक्त महासचिव के रूप में पदोन्नत करके अपने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया था। दिनांक 9-10 जुलाई को 11 क्षेत्रों के ‘क्षेत्र प्रचारक’ तथा सह क्षेत्र प्रचारकों की बैठक हुई जिसमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले एवं सभी पांचों सह सरकार्यवाह उपस्थित रहे।