- प्रगतिशील पार्टी छोड़ सपा में शामिल हुईं रुक्मणी देवी निषाद
- पूर्व सांसद रमाकांत यादव भी सपा में शामिल हुए
- 2014 में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे रमाकांत यादव
लखनऊ: दिवंगत फूलन देवी की बहन रुक्मणी देवी निषाद रविवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। डाकू रहीं फूलन देवी को बैंडिट क्वीन के रूप में भी जाना जाता था। बाद में वह राजनीतिज्ञ बन गई थीं और समाजवादी पार्टी की लोकसभा सदस्य थी। 2001 में दिल्ली में उनकी हत्या कर दी गई।
रुक्मणी देवी निषाद प्रगतिशील पार्टी छोड़ सपा में शामिल हुईं। सपा में शामिल होने के बाद रुक्मिणी देवी निषाद ने कहा, 'मैं अपनी प्रगतिशील पार्टी को पीछे छोड़ रही हूं और ऐसा लगता है कि घर आ गई हूं।' अखिलेश यादव को छोटा भाई बताते हुए उन्होंने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पार्टी को सक्षम बनाने के लिए सपा प्रमुख को मजबूत करना चाहिए और उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।
उनके अलावा पूर्व सांसद रमाकांत यादव भी सपा में शामिल हो गए। चार बार सांसद रह चुके रमाकांत 2014 में आजमगढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़े थे। रमाकांत इस साल भदोही लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, मगर कामयाबी नहीं मिली। उन्हें गत तीन अक्टूबर को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था।
रमाकांत यादव ने 1996 और 1999 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर आज़मगढ़ लोकसभा सीट जीती थी, और फिर 2004 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार के रूप में और 2009 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में सीट बरकरार रखी।
यादव ने कहा, 'इस घर वापसी पर मैं अभिभूत हूं। मैं अब अखिलेश यादव का सिपाही बनूंगा।'
इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, 'जिस तरह से अन्य दलों के नेता सपा में शामिल हो रहे हैं और सपा परिवार को बढ़ा रहे हैं, यह काफी स्पष्ट है कि सपा 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा को यूपी से बाहर करने में सक्षम होगी।'