नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अगले मून मिशन (मिशन चंद्रयान) को पूरी मदद देने की प्रतिबद्धता दिखाई है। इसरो जल्द ही चांद पर अंतरिक्ष यात्री भेजने जा रहा है, इसरो के इसी मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को एक्सपर्ट ट्रेनिंग देने की बात कही है।
कॉन्सुलेट जनरल ऑफ रशियन फेडरेशन ओ अवडीव ने कहा कि मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (Human space flight programme) पर रुसी अंतरिक्ष संगठन (ROSCOSMOS) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की आपस में बढ़िया साझेदारी और सहभागिता है।
रूस ने ये ऑफर दिया है कि वह भारत के भावी स्पेस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को एक्सपर्ट ट्रेनिंग देगा। सितंबर में रूसी प्रेसीडेंट व्लादिमीर पुतिन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच हुए शिखर सम्मेलन में इस संबंध में द्विपक्षीय वार्ता पर सहमति जताई गई थी।
आपको बता दें कि इसरो ने दिसंबर 2022 तक गगनयान परियोजना के तहत पहला मानव रहित कार्यक्रम शुरू करने का लक्ष्य रखा है। अवडीव ने एक प्रेस रिलीज में व्लादिवोस्तोक और चेन्नई के बीच मैरीटाइम कम्युनिकेशन लिंक प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर हुए एमओयू का भी जिक्र किया। इसके तहत रूसी हाइड्रोकार्बन को भारत में आयात किया जाएगा।
प्रेस रिलीज में इंडो-रशियन तिरुनेलवेली में कुंडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट को लेकर ज्वाइंट वेंचर पर हुए एमओयू का भी जिक्र किया। बताया गया कि इस प्रोजेक्ट के पहले दो यूनिट की शुरुआत हो गई है जबकि अन्य दो का निर्माण जारी है।
उन्होंने कहा कि अगले 20 वर्षों में दीर्घकालिक लक्ष्य अवधि के तहत अन्य दो इकाइयां स्थापित की जाएंगी। शिक्षा क्षेत्र पर, उन्होंने कहा कि 2019 में उच्च अध्ययन के लिए रूस में अध्ययन करने का विकल्प चुनने वाले छात्रों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।