- भगवामय जेएनयू ! कैंपस के बाहर हिंदू सेना ने लगाए भगवा झंडे
- हिंदू सेना के कार्यकर्ता ने जेएनयू के बाहर भगवा झंडे लगाए
- हिंदू सेना के अध्यक्ष बोले- इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए
नई दिल्ली: नई दिल्ली के जेएनयू कैंपस एक बार फिर सुर्खियों में है। कैंपस के चारों तरफ लगाए भगवा पोस्टर लगाए गए हैं। हाल में नॉनवेज को लेकर हुए बवाल के बाद अब हिंदू सेना के कार्यकर्ताओं ने जेएनयू के बाहर 'भगवा जेएनयू' लिखे बैनर चिपकाए औऱ कैंपस के गेट पर भगवा झंडे भी लगाए। ये पोस्टर ऐसे समय में लगाए गए हैं जब हाल ही में जेएनयू कैंपस में नॉनवेज को लेकर जमकर बवाल हुआ था और दो छात्र गुटों में हिंसक झड़प हुई थी। इस संबंध में दिल्ली पुलिस का कहना है कि शुक्रवार की सुबह जेएनयू कैंपस के करीब वाली सड़कों पर कुछ झंडे लगे हुए नजर आए। हाल की घटनाओं को देखते हुए उन झंडों को हटा दिया गया है और उचित वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
हिंदू सेना का क्या कहना है
हिंदू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुजीत यादव ने कहा कि जिस तरह से जेएनयू में भगवा का अपमान किया जाता रहा है उसे सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि उन लोगों का किसी पंथ या मजहब से बैर नहीं है। लेकिन अगर भगवा को अपमानित करने का सिलसिला जारी रहेगा तो वो किसी भी कदम को उठा सकते हैं।
विष्णु गुप्ता ने कही ये बात
टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा, 'झंडा से किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। भगवाधारियों पर जिस तरह से हमले किए जा रहे हैं वो निंदनीय है। भगवा झंडा से किसी को क्या आपत्ति है। जिन लोगों को कैंपस में भगवा झंडा लगाने पर आपत्ति है उन्हें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर भी आपत्ति होती है। हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं बल्कि यह जीवन जीने की शैली, इस बात को तो सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है।'
कैसे हुई हिंसा
रविवार को जेएनयू के कावेरी हॉस्टल में छात्रों के दो समूहों के बीच कहासुनी के बाद तीखी नोकझोंक और फिर मारपीट हुई थी। हिंसा की इस वारदात में जेएनयू के 15 छात्र जख्मी हुए हैं। दरअसल यह घटना रामनवमी के दिन शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन के विवाद से शुरू हुई। छात्रों का एक समूह हॉस्टल के मैन्यू में मांसाहारी भोजन परोसे जाने के पक्ष में था। वहीं दूसरा समूह चाहता था कि हॉस्टल में सभी छात्रों को केवल शाकाहारी भोजन ही परोसा जाए। जेएनयू के कुलपति ने कहा है कि किसी भी टकराव से बचने के लिए वार्डन तत्काल कदम उठाएं। सुरक्षाकर्मियों को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहने और जेएनयू प्रशासन को तुरंत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।