- आरएसएस और हिंदुत्व को आईएस और बोको हरम से जोड़ने का मकसद नहीं
- मुसलमान होकर आईएस और बोको हराम का विरोध करता हूं
- किताब में लिखी बातों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
कांग्रेस के कद्दावर नेता सलमान खुर्शीद इन दिनों चर्चा में है। चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि उन्हें लगता है कि हिंदुत्व आईएस और बोको हराम की तरह है। उन्होंने अपनी किताब सनराइड ओवर अयोध्या के सैफ्रन स्काई में इस बात का जिक्र किया है कि हिंदुत्व और सनातन धर्म में अंतर है, हकीकत में हिंदुत्व का इस्तेमाल राजनीतिक हितों को साधने के लिए किया गया है। उनके इस बयान पर सियासत गर्मायी तो पहले कहा कि उन्हें किसी बात से परवाह नहीं है। लेकिन ओपिनियन इंडिया का में उन्होंने कहा कि वो अपनी बात पर कायम है लेकिन अगर कोई गलत संदर्भ में उनकी बातों की व्याख्या कर रहा है तो वो अलग बात है, उनका मकसद किसी को आहत करना नहीं है।
सलमान खुर्शीद ने रखा अपना पक्ष
सलमान खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने किसी को आतंकी नहीं बोला। जहां तक बोको हराम या आईएसएआईए की बात है और वो मुसलमान हैं लेकिन दोनों संगठन खराब काम में लिप्त है लेकिन मुसलमान होने के बावजूद वो उनका विरोध करते हैं। 28 फरवरी 2020 को हिंदुत्व के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो फैसला पहले आया था उसके आधार पर ही हिंदुत्व की व्याख्या करना।सलमान खुर्शीद ने कहा कि वो अच्छी बातों को ही रखना चाहते हैं। उन्होंने सवाल किया कि गुजरात में दंगा करने वालों कौन लोग थे। हाथरस में जो हुआ वो लोग कौन थे।
बीजेपी के तीखे तेवर
बता दें कि सलमान खान खुर्शीद की किताब पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी कूदे और कहा कि हिंदुत्व का मतलब सिख और मुसलमानों को मारना नहीं है। हालांकि उनके बयान पर बीजेपी की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की गई। बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी के इशार पर ही तो यह सब कुछ हो रहा है। कांग्रेस का इतिहास सबको पता है, कांग्रेस हमेशा से हिंदू धर्म पर हमला करती रही है।