उत्तर प्रदेश के रामपुर में लोकसभा उपचुनाव में मिली हार पर जब समाजवादी पार्टी नेता आजम खान से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने बेहद अलग अंदाज में अपनी बात रखी। वो काफी नाराज लगे। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे कहां, चुनाव था ही कहां? इसे ना आप चुनाव कह सकते हैं और न ही चुनावी नतीजे। 900 वोट का पोलिंग स्टेशन और 6 वोट, बस्तियां मुसलमानों की, 2200 की पोलिंग, मोहल्ला है मुसलमानों का और 1 वोट।
हार की वजह पूछने पर उन्होंने कहा कि और क्या वजह बताएं? वो इस दौरान मीडिया पर भी बरसे। रामपुर संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार घनश्याम लोधी ने 42,000 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की।
आजम खान ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके रामपुर की जनता की जीत को हार में बदल दिया। आजम ने दावा किया कि कोई अंतरराष्ट्रीय संस्था ईमानदारी से चुनाव कराए और अगर उनका उम्मीदवार हार जाए, तो वह राजनीति छोड़ देंगे। रामपुर में भाजपा प्रत्याशी की जीत को लोकतंत्र की हार करार देते हुए उन्होंने कहा कि बहुत अच्छी बात है, वह (भाजपा) जीत गए, लेकिन यह जीत नहीं है उनकी। इसी तरह तो उन्होंने उत्तर प्रदेश की सरकार भी बना ली है और मैं शर्म व एहसास दिलाना चाहूंगा उन तमाम ताकतों को, जो लोकतंत्र को कमजोर कर रही हैं, अपने छोटे-छोटे फायदों के लिए। ईमानदारी से चुनाव हो जाए। मैं कहता हूं अंतरराष्ट्रीय न्यायालय आये। वह यहां चुनाव कराए। खुले मैदान में चुनाव हो जाए। अगर हम हार गए तो राजनीति का मैदान हमेशा के लिए छोड़ देंगे।
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रामपुर में मिली जीत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि रामपुर लोक सभा सीट पर उप चुनाव में मिली विजय आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में जन-कल्याणकारी नीतियों पर डबल इंजन की भाजपा सरकार के प्रति आमजन के विश्वास की मुहर है। यह विजय भाजपा के यशस्वी नेतृत्व तथा समर्पित कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम व डबल इंजन की भाजपा सरकार द्वारा स्थापित सुशासन का सुफल है। रामपुर की जनता का हृदय की गहराइयों से आभार!
यहां 23 जून को वोटिंग हुई थी। आजम खान के विधायक बनने के बाद रामपुर की सीट खाली हुई थी। इस बार सपा ने असीम राजा को उम्मीदवार बनाया था। रामपुर में 41.39 फीसदी मतदान हुआ था।