नई दिल्ली: शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान पर हंगामा मच गया है, जिसमें उन्होंने दावा किया कि इंदिरा गांधी अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला से मिलती थीं। इसे लेकर बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अब कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लोगों को जवाब देना चाहिए। इन अपराधियों के कारण मुंबई में हमले हुए हैं। मुझे लगता है कि इससे ज्यादा बदनाम करने वाली कोई बात नहीं है, कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए।
जावड़ेकर ने कहा, 'क्या कांग्रेस उस समय अंडरवर्ल्ड के भरोसे चुनाव जीतती थी, इसलिए इस प्रकार की मुलाकात होती थी? क्या कांग्रेस को अंडरवर्ल्ड से फाइनेंस मिलता था? क्या कांग्रेस को उस समय मसल पावर की जरूरत है? जो राउत ने कहा है कि दाऊद और छोटा शकील महाराष्ट्र चलाते थे। क्या ये बात सही है। क्या राजनीति का अपराधीकरण तभी से शुरू हुआ। सोनिया, राहुल और प्रियंका को इस पर जवाब देना चाहिए।'
दरअसल, संजय राउत ने कहा था, 'एक समय था जब दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील, शरद शेट्टी तय करते थे कि मुंबई का पुलिस कमिश्नर कौन होगा और मंत्रालय में कौन बैठेगा। इंदिरा गांधी करीम लाला से जाकर मिलती थीं। हमने अंडरवर्ल्ड देखा है, अब यह सिर्फ 'चिल्लर' है।'
अपने बयान पर बढ़ते बवाल के बाद राउत ने सफाई देते हुए कहा, 'विपक्ष में होने के बावजूद मैंने हमेशा इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू, राजीव गांधी और गांधी परिवार के प्रति जो सम्मान दिखाया, वह किसी ने नहीं किया। जब भी लोगों ने इंदिरा गांधी पर निशाना साधा है मैं उनके लिए खड़ा हुआ हूं।'
राउत ने आगे कहा कि करीम लाला से मिलने के लिए कई राजनीतिक लोग आते थे। वो समय अलग था। वह पठान समुदाय का नेता था, वह अफगानिस्तान से आया था। इसलिए लोग पठान समुदाय की समस्याओं के बारे में उनसे मिलते थे।
कांग्रेस ने भी संजय राउत के बयान पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'संजय राउत का इंदिरा गांधी को सीधे अंडरवर्ल्ड के चेहरे के साथ जोड़ना निंदनीय है। वह अपनी ही पार्टी के समृद्ध इतिहास का सामना किए बगैर कैसे ऐसी टिप्पणी कर सकते हैं?'
कांग्रेस के नेता और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'इंदिरा जी सच्ची देशभक्त थीं जिन्होंने देश की सुरक्षा से कभी समझौता नहीं किया। मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के रूप में मैं संजय राउत से उनके गलत जानकारी वाले बयान को वापस लेने की मांग करता हूं।'
कौन था करीम लाला
करीम लाला का नाम अब्दुल करीम शेर खान था। 1920 में अपने परिवार के साथ अफगानिस्तान से मुंबई आया। परिवार भिंडी बाजार की मुस्लिम यहूदी बस्ती में बसा। करीम मुंबई में पठानों के एक गिरोह में कार्यकर्ता के तौर पर शामिल हुआ। उसने अवैध वसूली का भी काम किया। बाद में माफिया डॉन बनकर उभरा। खूंखार पठान गैंग का नेता रहा। कुख्यात सुपारी किलर बन गया। बॉलीवुड की कई हस्तियों को अपनी पार्टियों में शामिल करता था। लोगों की शिकायत के लिए दरबार लगाता था। 2002 में 90 साल की उम्र में मौत हुई।