कहते हैं अंत भला तो सब भला। यही कारण है कि काम करने वाला हर व्यक्ति अंत तक यही चाहता है कि उसका काम सही से पूरा हो जाए। इसके लिए वह भगवान का भी आशीर्वाद लेता है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा के लिए मंगलवार का दिन उनके आखिरी केस का दिन था। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा के मामले पर उन्होंने अपना फैसला सुनाया।
शिवलिंग को क्षरण से बचाने के लिए जस्टिस मिश्रा और उनके साथियों ने तमाम आदेश पारित किए। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिवलिंग पर अब कोई भी भक्त पंचामृत नहीं चढ़ाएगा केवल दूध से ही शिवलिंग की पूजा करेंगे। इस फैसले को सुनाने के बाद ही जस्टिस मिश्रा ने कहा कि शिवजी की कृपा से आखिरी फैसला भी हो गया।
अपना आखिरी फैसला सुनाने के बाद जस्टिस मिश्रा के चेहरे पर आत्मसंतुष्टि साफ नजर आ रही थी। जस्टिस अरुण मिश्रा का सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को आखिरी दिन था इसके बाद वे रिटायर हो गए।
कोर्ट के फैसले के मुताबिक महाकालेश्वर के शिवलिंग को क्षरण से बचाने के लिए उस पर केवल और केवल शुद्ध चढ़ाया जाना चाहिए ये सुनिश्चित किया जाए कि अशुद्ध दूध ना चढ़ाया जाए साथ ही पंचामृत चढ़ाने पर भी पाबंदी लगा दी गई।
सुरक्षा के मद्देनजर महाकालेश्वर में 24 घंटे पूजा स्थल की वीडियो रिकॉर्डिंग हो। अगर कोई भी पुजारी इसका उल्लंघन करता है तो मंदिर कमेटी इस पर तुरंत कार्रवाई कर सकती है।