- केरल में 12 घंटे के अंदर BJP ओबीसी मोर्चा के सचिव सहित दो नेताओं की हत्या
- हालात तनावपूर्ण देखते हुए अलाप्पुझा में धारा 144 लागू
- बीजेपी नेता से पहले हुई थी एसडीपीआई नेता की हत्या
कोच्चि: केरल में दो राजनीतिक हत्याओं के बाद सियासत सुलग उठी है। 12 घंटे के अंदर दो नेताओं की हत्या से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल तो उठ ही रहे हैं साथ में पिनाराई विजयन की सरकार भी लोगों के निशाने पर आ गई है। सीएम ने दोनों हत्याओं की निंदा की है। इन हत्याओं के बाद राज्य के अलाप्पुझा जिले में तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए हैं जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने यहां धारा 144 लागू कर दी है।
एसडीपीआई नेता की हत्या
राज्य में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के सचिव केएस शान पर शनिवार को अचानक से कुछ लोगों द्वारा हमला कर दिया गया था जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी मौत हो गई है। SDPI ने शान की मौत के आरएसएस का हाथ बताया था। शान पर उस समय हमला किया गया जब वह बाइक से जा रहे थे और उन पर कार से टक्कर मारी गई थी। जैसे ही शान नीचे गिरे तो उनकी हत्या कर दी गई।
फिर बीजेपी नेता की हत्या
शान की मौत को अभी कुछ घंटे भी नहीं हुए थे कि रविवार सुबह एक भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या हो गई। माना जा रहा है कि एसडीपीआई नेता केएस शान की हत्या का बदला लेने के लिए ही भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या की गई है। केरल के सीएम ने दोनों हत्याओं की निंदा की है और कहा है कि हत्या करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दोनों हत्याओं के बाद अलाप्पुझा में धारा 144 लागू कर दी गई है।
भाजपा ने पीएफआई पर लगाया आरोप
भाजपा केरल के अध्यक्ष के सुंदरन ने ट्वीट करते हुए कहा, 'ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव अधिवक्ता की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करते हैं। रंजीत श्रीनिवासन की हत्या पीएफआई के आतंकवादियों द्वारा दिनदहाड़े कर दी गई। रंजीत ने 2016 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। पीएफआई ने पिछले दो महीनों में बीजेपी-आरएसएस के तीन नेताओं की हत्या कर दी है।'