- प्रधानमंत्री का कोई कार्यक्रम होता है, तो 10 दिन पहले स्थानीय प्रशासन को पूरी जानकारी मिल जाती है।
- लुुधियाना ब्लास्ट और चुनावों को देखते हुए पंजाब इस समय हाई अलर्ट पर है।
- मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी कह चुके हैं कि पंजाब में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला बुधवार को तकरीबन 20 मिनट तक बेहद संवेदनशील इलाके में फंसा था। पंजाब में फिरोजपुर जिले में जिस नेशनल हाईवे पर काफिला ट्रैफिक में फंसा था, वहां से भारत-पाक सीमा की दूरी बमुश्किल 40- 50 किलोमीटर है। भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब होने के कारण फिरोजपुर पंजाब का बेहद संवेदनशील जिला है।
हाल ही में लुधियाना में हुए बम धमाके और चुनावों को देखते हुए , पंजाब में हाई अलर्ट है। खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी कह चुके हैं कि पंजाब में माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक बेहद गंभीर मामला है। इस मसले पर टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल ने पूर्व डीजी और सीबीआई के पूर्व ज्वाइंट डायरेक्टर एन.के.सिंह से बात की। उनका साफ तौर पर कहना है कि यह सुरक्षा में चूक का मामला है। जिस तरह खबरें आ रही है कि स्थानीय एसएसपी को निलंबित कर दिया गया है। उससे यह साफ है कि राज्य सरकार भी सुरक्षा में चूक मान रही है।
10 दिन पहले मिल जाती है डिटेल
सिंह कहते हैं कि जब प्रधानमंत्री का कोई कार्यक्रम होता है, तो 10 दिन पहले स्थानीय प्रशासन को कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। और तभी से सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने शुरू कर दिए जाते हैं। लेकिन जिस तरह से तस्वीरें सामने आ रही है, उससे साफ लगता है कि यह पूरी तरह से सुरक्षा में चूक का मामला है।
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इमरजेंसी रूट भी रहता है तैयार
इसके अलावा हर यात्रा पर इमरजेंसी रूट का भी प्लान तैयार रहता है। जिससे किसी आपात स्थिति में स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। मुझे लगता है कि इस दौरे पर भी इस तरह का प्लान बना होगा। लेकिन उसका पालन हुआ कि नहीं, ये स्थिति पूरी डिटेल्स आने के बाद ही स्पष्ट होगी।
समन्वय में कमी ?
सुरक्षा चौक-चौबंद हो इसके लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आपस में बेहतर समन्वय बना रहे । शुरूआती तौर पर ऐसा लगता है कि समन्वय ठीक ढंग से नहीं किया गया। जिसकी वजह से प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई।
अचानक रूट बदलने से असर ?
ऐसा बताया जा रहा है कि मौसम खराब होने के बाद प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से जाने का फैसला किया। इस वजह से हो सकता है कि सुरक्षा तैयारियां पूरी तरह से चाक-चौबंद नहीं हो पाई। लेकिन अगर ऐसा है तो भी समन्वय की कमी नजर आती है।
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