- आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल का कोरोना की वजह से निधन
- एम्स में करीब 21 दिन तक भर्ती थे
- कोरोना पर जागरुक करने के लिए लोगों को तरह तरह की जानकारियां देते थे
कोरोना महामारी की यह दूसरी लहर निश्चित तौर पर भयावह है। मंगलवार की सुबह मनहूस खबर से उस समय सभी लोग स्तब्ध रह गए जब पता चला कि आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल अब इस दुनिया में नहीं है। के के अग्रवाल का इस दुनिया से जाना इसलिए व्यथित कर गया क्योंकि वो अस्पताल जाने से पहले भी लोगों को कोरोना से बचने के उपायों की जानकारी दे रहे थे। उनकी मौत पर किसी को यकीन नहीं हो पा रहा है कि जो शख्स हजारों लोगों की उम्मीद बना हुआ उसकी लौ बुझ जाएगी।
उमेश की नजरों में डॉ के के अग्रवाल
डॉ के के अग्रवाल के बारे में वरिष्ठ पत्रकार रहे उमेश उपाध्याय एक वाक्ये का जिक्र करते हैं जिससे पता चलता है कि के के अग्रवाल ना सिर्फ स्टेथोस्कोप के जरिए लोगों की सेवा करते थे बल्कि उनमें मानवीय संवेदना भी छिपी हुई थी। वो सिर्फ अपने बारे में नहीं सोचते थे। मुश्किल की घड़ी में दोस्तों के लिए आगे आकर मदद करना उनका स्वभाव था।
फेसबुक पर इस तरह बयां किया दर्द
गमगीन है सोशल मीडिया
विनम्र श्रद्धांजलि, सचमुच दोस्तों के दोस्त थे के के अग्रवाल जी। रात के किसी भी पहर उनको फोन करो। वो मौजूद होते थे। कभी ऐसा नहीं हुआ कि उन्हें किसी काम से फोन किया हो और वो काम नहीं हुआ हो। हम जैसे बेशुमार मीडियाकर्मियों के लिए उनका जाना बहुत बड़ी क्षति है।
एक शख्स लिखते हैं कि अभी तो कल ही सोशल मीडिया पर कोरोना के ऊपर उनके वीडियो को देखा था ऐसे कैसे मर गए। मेरे मित्र, डॉ. के. के अग्रवाल.. आपको श्रद्धांजलि देने के लिए शब्दों का अभाव है। आपके साथ मेरा संबंध अलग ही था। कितने ही लोगों को आपने नया जीवन दिया। आपको भूल पाना नामुमकिन है। आपको विनम्र श्रद्धांजलि...!!