- विधासनभा चुनाव से पहले लगातार बढ़ रही हैं ममता की परेशानियां
- कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार की कैबिनेट से दिया इस्तीफा
- शुभेंदु के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं भी हो रही हैं तेज
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस का लगातार झटके लग रहे हैं। ममता सरकार में कैबिनेट मंत्री और पार्टी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। शुभेंदु पिछले काफी समय से ममता बनर्जी से नाराज चल रहे थे और बगावती तेवर अपनाए हुए थे। हालांकि ममता बनर्जी की तरफ से उन्हें मनाने की कोशिशें भी हुईं लेकिन वो नहीं माने। मंत्री पद के साथ-साथ उन्होंने हुगली नदी आयुक्त पद से भी इस्तीफा दिया है।
नंदीग्राम आंदोलन के सूत्रधार
शुभेंदु अधिकारी की ताकत का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो राज्य विधानसभा की करीब 60 से अधिक सीटों पर असर रखते हैं। जिस नंदीग्राम आंदोलन के जरिए ममता राज्य की सत्ता तक पहुंची थी उसका सूत्रधार शुभेंदु अधिकारी को ही माना जाता है। ऐसे में उनका इस्तीफा देना टीएमसी के लिए संकट पैदा कर सकता है। हालांकि शुभेंदु ने अभी टीएमसी या विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
लौटाई सुरक्षा
शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी जेड कैटेगरी की सुरक्षा लौटाने के साथ-साथ आधिकारिक आवास भी लौटा दिया है। हालांकि अभी भी वह टीएमसी के प्राथमिक सदस्य बने हुए हैं। ममता बनर्जी को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार करने का अनुरोध किया था। इस्तीफा देने से कुछ घंटे पहले ही अधिकारी का नाम राज्य की परिवहन और सिंचाई विभागों की आधिकारिक वेबसाइटों से हटा दिया गया।
सौगत राय को दिया गया शुभेंदु को मनाने का जिम्मा
तृणमूल कांग्रेस शुभेंदु को मनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही थी लेकिन सफलता नहीं मिली। शुभेंदु से बातचीत करने के लिए पार्टी ने अपने सांसद सौगत राय को लगा रखा था। सौगत राय ने बताया, 'यह मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से दुखद है, लेकिन यह अंतिम निर्णय नहीं है। उन्होंने पार्टी से अपना नाता तोड़ने के लिए कभी भी मुझसे बात नहीं की। उन्होंने एक विधायक या एक पार्टी सदस्य के रूप में पार्टी नहीं छोड़ी है। अभी भी दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। मैं अपना सबसे अच्छा करने की कोशिश करूँगा।'
बीजेपी में होंगे शामिल
इस बीच शुभेंदु के बीजेपी में भी शामिल होने की चर्चाएं गर्म हैं लेकिन अभी तक इस बारे में शुभेंदु की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। अधिकारी और उनका परिवार पूर्वी मिदनापुर में खासा वर्चस्व रखता है, जहां 16 विधानसभा सीटें हैं। तृणमूल का गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके की हर सीट अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में टीएमसी के लिए बहुत मायने रखती है। अधिकारी का प्रभाव अपने नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र और पूर्वी मिदनापुर जिले से लेकर उसके पास जंगलमहल जिलों (पश्चिम मिदनापुर, बांकुरा, पुरुलिया और झाड़ग्राम) और मुर्शिदाबाद तक है।