- अमेरिकी बायोटेक्नॉलजी कंपनी है नोवावैक्स,सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से किया है समझौता
- 6 से 12 समुह के बच्चों पर एम्स दिल्ली में कोवैक्सीन पर ट्रायल जारी
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया इस समय कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है।
कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई कि महाराष्ट्र कोविड कंट्रोल फोर्स ने कहा कि 2 से 4 हफ्ते में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। देश में अगर टीकाकरण की बात करें तो 18 प्लस आयुग्रुप में वैक्सीनेशन का काम जारी है। लेकिन सवाल यह है कि बच्चों के लिए वैक्सीन कब आएगी। बताया जा रहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जुलाई से बच्चों के लिए नोवावैक्स पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू करेगा। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है।
भारतीय बाजार में कोवोवैक्स के नाम से नोवावैक्स
नोवावैक्स ने पिछले साल सितंबर में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोरोना वैक्सीन बनवाने का समझौता किया था। नोवावैक्स की कोरोना वैक्सीन भारत में कोवोवैक्स के नाम से बनेगी। एसआईआई इस वैक्सीन को भारत में लॉन्च करने की योजना बना रहा है। भारत में उसका ब्रीजिंग ट्रायल अंतिम दौर में है। लेकिन बच्चों पर इसका अलग से क्लीनिकल ट्रायल होगा और उसमें सब कुछ सही और सुरक्षित पाए जाने के बाद ही यह बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।
नोवावैक्स, एडल्ट में 90 फीसद प्रभावी मिली
एडल्ट में किए गए क्लीनिकल ट्रायल में नोवावैक्स के नतीजे सकारात्मक हैं। कंपनी का कहना है कि ट्रायल्स के दौरान यह वैक्सीन 90 प्रतिशत से ज्यादा असरदार मिली है। नोवावैक्स ने फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल में 90.4 प्रतिशत असरदार मिली है। इसे अमेरिका और यूरोप के दूसरे देशों में इस्तेमाल हो रही फाइजर-बायोनटेक और मॉडर्ना की वैक्सीन की टक्कर का माना जा रहा है। फेज-3 ट्रायल में 91.3 प्रतिशत और 90 प्रतिशत प्रभावी मिली थी।